अगले साल के बजट में भारी कटौती की योजनाओं के खिलाफ ट्रेड यूनियनों की ओर से आयोजित हड़ताल में गुरुवार को 85 हजार से अधिक लोग शामिल हुए। उन्होंने मार्च निकाला। इसमें शिक्षक और स्वास्थ्य कर्मचारी सहित अन्य शामिल हुए। इसके कारण एफिल टावर बंद करना पड़ा। ये राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू पर दबाव बनाए हुए हैं।
ट्रेड यूनियन नेता सार्वजनिक सेवाओं पर अधिक खर्च, सेवानिवृत्ति की आयु में वृद्धि को वापस लेने और अमीरों पर अधिक कर लगाने की मांग कर रहे हैं। इनमें फ्रांस के सबसे बड़े संघ, सीएफडीटी और कट्टरपंथी सीजीटी के नेता शामिल हैं। सीजीटी की महासचिव सोफी बिनेट ने बताया, ”पिछले बजट प्रस्ताव में श्रमिकों से संबंधित सभी कटौती को हमेशा के लिए खत्म करना होगा।”
बजट में कटौती के चलते घटा था पद
पिछले प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू को 44 अरब यूरो के बजट में कटौती की योजना के चलते संसद ने पद से हटा दिया था। हालांकि, गुरुवार को सड़कों पर उतरने वाले लोगों की संख्या पिछले दिनों हुए प्रदर्शनों की तुलना में कम रहा।
लड़ाई जारी रखनी होगी
नैनटेस में विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए डोमिनिक मेनियर ने कहा, ”हमें लड़ाई जारी रखनी होगी, भले ही हममें से ज्यादा लोग न हों। हर बार हमें एक दिन का नुकसान होता है। लेकिन लोकतंत्र आमतौर पर इसी तरह आगे बढ़ता है।” सीजीटी यूनियन ने कहा कि फ्रांस में 240 से अधिक जगहों पर प्रदर्शन होने वाले थे, जिनमें डिजान, मेट्•ा, पोइटियर्स और मोंटपेलियर शामिल हैं। व्यवस्था बनाए रखने के लिए 76,000 पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया था।
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