फ्रांस में ईंधन की बढ़ती कीमतों के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन उग्र हो गया है। प्रदर्शन के दौरान 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारी भी घायल हो गए हैं। इस मामले में पुलिस अब तक 280 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
‘येलो वेस्ट’ आंदोलन के तहत फ्रांस में पुलिस और सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच मध्य पेरिस सहित कई इलाकों में जमकर झड़प हुई। उग्र प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया। प्रदर्शनकारियों द्वारा दंगारोधी पुलिस पर पथराव करने से हालात और भी बिगड़ गए। स्थिति संभालने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
उधर, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने प्रदर्शन करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि वह किसी भी सूरत में हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे। भीषण विरोध प्रदर्शन के बीच ब्यूनस आयर्स में जी-20 सम्मेलन के दौरान संवाददाता सम्मेलन में मैक्रों ने कहा- मैं हमेशा बहस का सम्मान करूंगा। मैं हमेशा विपक्ष की बात सुनूंगा लेकिन हिंसा को कभी स्वीकार नहीं करूंगा।
मैक्रों ने कहा- अधिकारियों पर हमले, वाणिज्य-व्यापार को ठप करना, राहगीरों और पत्रकारों को धमकी देना या आर्क डू ट्रौम्फ का उल्लंघन करना, किसी भी सूरत में तर्कपूर्ण नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि पेरिस वापसी के साथ ही प्रदर्शनों के सिलसिले में अपने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के साथ बैठक करेंगे। बताते चलें कि पेरिस में बड़ी संख्या में लोग आपात स्थिति में पहने जाने वाले पीले रंग के कोट पहन कर प्रदर्शन कर रहे हैं।
बता दें कि विरोध प्रदर्शन के तीसरे सप्ताह में शनिवार को प्रदर्शनकारी पहले आर्क डे ट्रायम्फे में इकट्ठा हुए। हालांकि, चैंपस-एलिसियों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर रखी गई थी। जांच और आईडी जांचने के बाद कई लोगों (प्रदर्शनकारियों) को आगे जाने दिया गया। बवाल तब शुरू हुआ, जब इनके पीछे गैस मास्क और बर्फ पर फिसलने के दौरान पहने जाने वाले चश्मे पहने हुए प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ने लगे।
हालात बिगड़ते देख पुलिस ने आसूं गैस के गोले छोड़े। जिसके बाद वहां भगदड़ मच गई। पेरिस के कई हिस्सों से काला धुआं उठता देखा गया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमारा आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण था, लेकिन हम बिखर गए। हमारा कोई नेता नहीं था, इसलिए ऐसा हुआ।
क्या है येलो वेस्ट आंदोलन?
बता दें कि फ्रांस में ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर आम लोगों में बहुत गुस्सा है। इसके लिए ये लोग सीधेतौर पर राष्ट्रपति मैंक्रो को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इसी के विरोध में अक्टूबर में सोशल मीडिया पर ‘येलो वेस्ट’ आंदोलन की शुरुआत हुई। चूंकि ये प्रदर्शनकारी पीली जैकेट पहनकर आंदोलन कर रहे हैं, इसलिए इन्हें ‘येलो वेस्ट’ नाम दिया गया है।
पूरे देश में हो रहे इन आंदोलनों में अधिकतर पेंशनर्स सहित छोटे शहरों और गांवों के लोग शामिल हैं। ईंधन की बढ़ती कीमतों के खिलाफ सबसे पहला विरोध प्रदर्शन 17 नवंबर को हुआ था, जिसमें करीब पौने तीन लाख लोग शामिल हुए थे। एक नवंबर को प्रदर्शन का तीसरा सप्ताह था।