कुरुक्षेत्र जिले में स्थित बीड़ सूजरा गांव आज फूलों की खेती के लिए पूरे देश में मशहूर है। यह कहानी काफी रोचक तो है ही साथ ही प्रेरणा से भी भरपूर है। 1914 में यह गांव दिल्ली से कुरुक्षेत्र के बीहड़ इलाके में स्थानांतरित किया गया था। दिल्ली में एयरपोर्ट बनाने के लिए इस गांव को वहां से हटाया गया और ग्रामीणों को केवल ऊबड़- खाबड़ और बंजर जमीनें मिलीं।
बता दें कि गांव के बुजुर्गों ने बंजर जमींन को देखकर हिम्मत नहीं हारी और कठिन मेहनत से इन जमीनों को खेती के योग्य बनाया। धीरे- धीरे यहाँ के किसानों ने फूलों की खेती में अपना भविष्य देखा और आज आलम ये है कि ये गांव हरियाणा की इकलौती फूलों की मंडी का केंद्र बन चुका है।
यहाँ हर दिन लाखों रुपये के फूलों का कारोबार होता है। खास बात यह है कि इस गांव में बेरोजगारी बिल्कुल खत्म हो चुकी है। यहाँ का हर परिवार फूलों की खेती करता है और यहाँ के लोग अब आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो चुके हैं। गांव में गेंदा, जाफरी, गुलाब और लड्डू जैसे कई प्रकार के फूल उगाए जाते हैं। इनमें सबसे अधिक खेती गेंदा फूल की होती है। एक एकड़ में लगभग 50,000 रुपये की लागत से डेढ़ से दो लाख रुपये तक की आमदनी हो जाती है।
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