कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की सूची में अमेरिका अभी भी शीर्ष पर बना हुआ है। यहां अब तक एक करोड़ 94 लाख से भी ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं जबकि मरने वालों की संख्या भी तीन लाख 39 हजार से अधिक है।

हालांकि यहां टीकाकरण अभियान तो चलाया जा रहा है, जिसके तहत अब तक 10 लाख से भी ज्यादा लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जा चुकी है, लेकिन फाइजर की वैक्सीन के एलर्जिक रिएक्शन यानी वैक्सीन लेने के बाद एलर्जी की शिकायत की संभावना से लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। दरअसल, फाइजर की वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी देने वाले देशों की सूची में अमेरिका भी शामिल है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका के ऑपरेशन वार्प स्पीड के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. मोनसेफ सलाई का कहना है कि फाइजर की वैक्सीन से ‘एलर्जिक रिएक्शन’ होने की संभावना बहुत ज्यादा है। बताया जा रहा है कि इस वैक्सीन से अब तक आठ लोगों को ऐसी शिकायत हुई है, जिसमें से छह अमेरिकी नागरिक हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फाइजर की वैक्सीन से अब तक ‘एलर्जिक रिएक्शन’ के रूप में जो समस्याएं सामने आई हैं, उनमें ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) तेजी से कम होना, त्वचा पर चकत्ते पड़ना, तेजी से दिल धड़कना और सांस लेने में तकलीफ होना आदि शामिल हैं। अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने इसको लेकर चेतावनी भी जारी की है।
ब्रिटेन में भी फाइजर की वैक्सीन लेने के बाद कुछ लोगों में एलर्जी से जुड़ी शिकायतें देखने को मिली थीं, जिसके बाद वहां की मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी ने भी एक चेतावनी जारी की थी और कहा था कि एलर्जी से संबंधित किसी भी बीमारी से पीड़ित लोग कोरोना की वैक्सीन न लें।
हालांकि इस बीच एक रिपोर्ट ऐसी भी आई थी कि अमेरिका में कई लोग ऐसे भी हैं, जो कोरोना का टीका नहीं लगवाना चाहते। दरअसल, यहां के के प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, लगभग 10 में से चार अमेरिकी नागरिकों का कहना है कि वे ‘निश्चित रूप से’ या ‘शायद’ वैक्सीन नहीं लेंगे। यह सर्वेक्षण 12,648 अमेरिकी वयस्कों पर किया गया था।
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