नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली में हुए हिंसक प्रदर्शन में छात्रों से मारपीट के खिलाफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ इंडिया गेट पर धरने पर बैठ गई हैं। इन सबके बीच चौंकाने वाला चेहरा जगदीश टाइटलर रहे। जगदीश टाइटलर पर 1984 के सिख विरोध दंगे के आरोप लगते रहे हैं। प्रियंका गांधी के समर्थन में टाइटलर भी अन्य नेताअों के साथ इडिया गेट पर पहुंचे थे।
इससे पहले पिछले साल जातीय हिंसा के विरोध और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस ने सामूहिक उपवास कार्यक्रम आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में जगदीश टाइटलर को शामिल नहीं होने दिया गया था। इन्हें मंच से लौटा दिया गया था। अब प्रियंका वाड्रा के साथ जगदीश टाइटलर का धरना-प्रदर्शन देना चर्चा का विषय बना हुआ है।
बता दें कि 9 अप्रैल 2018 को दलितों के साथ हिंसा के मुद्दे को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का राजघाट पर उपवास शुरू करने वाले थे, उससे पहले सिख दंगों के आरोपी कांग्रेस नेता सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर भी राजघाट पर पहुंच गए थे, जिससे पार्टी असहज हो गई और उन्हें वापस भेज दिया था। उस समय उपवास स्थल से वापस लौटाए जाने को लेकर पूछे गए सवालों पर टाइटलर ने सफाई देते हुए कहा था कि मेरे ऊपर कोई एफआईआर नहीं है, कोई केस नहीं चल रहा है। उन्होंने कहा मुझसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने भी कुछ नहीं कहा। प्रियंका के धरने में जगदीश टाइटलर के शामिल होने पर अभी तक कांग्रेस की ओर से कोई बयान नहीं आया है।