नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर देश भर में राजनीति गर्म है। सभी राजनीतिक दल इसे भुनाने में लगे हुए हैं। उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने में लगीं राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस मौके को हाथ से जाने नहीं देना चाहती हैं।

कानून व्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा और किासानों के मुद्दों पर प्रदेश की योगी सरकार को लगातार घेरती रहीं प्रियंका 28 दिसंबर को लखनऊ आ रही हैं। बताया जा रहा है कि वे पार्टी के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आ रही हैं।
प्रियंका गांधी वाड्रा सीएए विरोध व प्रदर्शन में मारे गए लोगों से मिलने के लिए 22 दिसंबर को बिजनौर गई थी। जहां वे नहटौर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध को लेकर हुई हिंसा में मारे गए अनस और सुलेमान के परिजनों से मिलीं थी। साथ ही वे घायल ओमराज सैनी के परिवार से भी मिलने पहुंचीं। प्रियंका ने परिजनों को सांत्वना दी और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया था। इस दौरान उन्होंने नागरिकता कानून को जनहित के विरुद्ध बताते हुए कहा कि सरकार को देश के किसी भी नागरिक से भारतीयता का सुबूत मांगने की इजाजत नहीं है।
बिजनौर के बाद प्रियंका वाड्रा हिंसा पीड़ितों से मिलने मेरठ भी पहुंची थीं। इस बार उनके साथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी थे। हालांकि पुलिस ने उन्हें वहां से वापस लौटा दिया था। जाने से पहले धी ने फोन पर ही हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों से बात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि वे उनके साथ हैं। जल्द मिलने भी आएंगी। वहीं दिल्ली लौटने से पहले प्रियंका ने मीडिया से कहा कि हम हिंसा पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे थे, लेकिन मेरठ में धारा 144 का हवाला देकर पुलिस ने जाने नहीं दिया। हमें उनसे मिलने से रोका गया। हम कोई टकराव नहीं चाहते हैं, इसलिए लौट रहे हैं। उन्होंने कानून-व्यवस्था पर तंज भी कसा और कहा कि नागरिकता संशोधन कानून की आग में जबरन लोगों को झोंका जा रहा है।
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