प्रयागराज में कोरोना से संक्रमित आशा कार्यकर्ता ने अपना खुद का वीडियो बनाकर वायरल किया है, जिसमें वो अपने उच्च अधिकारियों और स्वास्थ्य महकमे पर गंभीर आरोप लगा रही हैं.
कोरोना संदिग्धों का सर्वे करने के दौरान संक्रमित हुई आशा कार्यकर्ता किरण गुप्ता ने आरोप लगाया है कि कोरोना काल में बगैर छुट्टी उनसे काम लिया जाता रहा है. यहां तक कि बुखार होने के बावजूद उन्हें जबरन सर्वे के लिए भेजा गया.
अब जब वो कोरोना संक्रमित हो गई हैं तब विभाग के अधिकारी उनकी सुध तक नहीं ले रहे हैं. आशा कार्यकर्ता किरण गुप्ता होम क्वारनटीन हैं. इसके बाद से पड़ोसियों का रवैया भी उनके प्रति अच्छा नहीं है.
पड़ोसियों ने उनके कोरोना संक्रमित होने की जानकारी पुलिस को दी. जिसके बाद मौके पर आए जार्जटाउन थाने के पुलिसकर्मियों ने उन्हें गालियां दीं और परिवार के किसी भी सदस्य को बाहर न निकलने की हिदायत दी है.
वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है कि उन्हें अपशब्द नहीं कहे गए हैं, न ही किसी तरह की कोई धमकी दी गई है. अगर उन्हें किसी चीज की दिक्कत है तो वो थाने फोन करके बता सकती हैं, जिससे उनकी मदद की जा सके.
किरण गुप्ता का कहना है कि जरूरी सामानों की खरीदारी के लिए उनका बेटा घर से बाहर निकल रहा है. जिसे पुलिस रोक रही है. किरण गुप्ता ने कहा है कि उन्हें महज दो हजार मासिक वेतन मिलता है.
घर में खाने पीने की भी दिक्कत है. लेकिन उन्हें पूरे कोरोना काल में कहीं से कोई भी मदद नहीं मिली है. खास तौर पर आशा कार्यकर्ता अपने विभाग की उपेक्षा से आहत हैं. उन्होंने अपने परिवार की हालत को देखते हुए डीएम और सीएमओ से मदद की गुहार लगाई और वो रो पड़ीं.