आज पूरे भारत में शिक्षक दिवस (Happy Teachers Day 2025) मनाया जा रहा है। यह दिन पूरी तरह से हिंदुस्तान के महान शिक्षकों के लिए समर्पित है। शिक्षक ही किसी राष्ट्र की सबसे मजबूत नींव तैयार करता है। एक शिक्षक पूरे देश की दिशा और दशा बदल देता है। शिक्षकों की बदौलत ही आज भारत की दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन पाया है। भारतीय संस्कृति में शिक्षक को भगवान से भी ऊपर रखा गया है। हिंदुस्तान की धरती में एक से बढ़कर एक महान शिक्षक हुए हैं। वर्तमान समय में ऐसे शिक्षक है जो करोड़ों छात्रों के दिलों में बसते हैं। सिर्फ पढ़ाई ही नहीं कमाई के मामले में भी ये बड़े-बड़े अरबपतियों को पीछे छोड़ चुके हैं।
आज हम आपको भारत के सबसे अमीर शिक्षक के बारे में बताएंगे, जिनका संबंध उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से हैं। ये कोई और नहीं बल्कि फिजिक्स वाला के फाउंडर अलख पांडे (Alakh Pandey) हैं। उनकी जर्नी बहुत ही संघर्षमयी रही है। आज वह 30 हजार करोड़ रुपये की कंपनी के मालिक है। उनकी नेटवर्थ 4 हजार करोड़ रुपये से अधिक है। आइए शिक्षक दिवस के मौके पर उनकी पूरी कहानी जानते हैं।
UP के प्रयागराज में हुआ था Alakh Pandey का जन्म
Physics Wallah के फाउंडर और CEO Alakh Pandey का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) में 2 अक्टूबर 1991 हुआ था। उनका परिवार आम मिडिल क्लास की तरह ही था। घर की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी। लेकिन उन्हें फिजिक्स पढ़ना और पढ़ाने में उन्हें बहुत मजा आता था। इसलिए उन्होंने 12वीं कक्षा से ही कोचिंग पढ़ाना शुरू कर दिया था।
15 साल पहले ही शुरू कर दिया था पढ़ाना
अलख पांडे खुद बताते हैं कि जब वह 12वीं क्लास में तभी से उन्होंने कोचिंग पढ़ाना शुरू कर दिया था। प्रयागराज के लूकरगंज स्थिति ब्राइट कोचिंग से उन्हें कोचिंग पढ़ाना शुरू किया था। वह कहते हैं कि फिजिक्स वाला की शुरुआत 15 साल पहले ही हो गई थी, जब उन्होंने कोचिंग पढ़ाना शुरू कर दिया था। उस समय वह साइकिल से कोचिंग पढ़ाने जाया करते थे।
बिका गया था घर
अलख पांडे बताते हैं कि जब वह तीसरी कक्षा में थे तो उनका आधा घर बिक गया था और छठी क्लास में आते-आते उनका पूरा घर बिक गया। और उनका परिवार किराए के मकान पर रहने लगा। अलख को उसी समय एहसास हो गया था कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं है।
अलख बताते हैं कि जब वह छोटे थे तो उनके पापा के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह उन्हें साइकिल दिला पाए। लेकिन बाद में उनके पिता ने उन्हें साइकिल दिलाई।
Alakh Pandey ने बीच में छोड़ था कॉलेज
अलख पांडे बताते हैं कि IIT की तैयारी के लिए कोचिंग नहीं की थी। इतने नंबर आ गए थे कि यूपी के टॉप सेकेंड इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला मिल गया था। उन्होंने कानपुर का Harcourt Butler कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में दाखिला लिया था। लेकिन उन्हें मजा नहीं आ रहा था। इसलिए तीसरे साल उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया।