सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन में आरक्षण पर फैसला सुनाते हुए इसका निर्णय राज्य की सरकारों पर छोड़ दिया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि उच्चतम न्यायालय ने इस संबंध में कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है, इसका हम स्वागत करते हैं। अब ये केंद्र और राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि वह प्रमोशन में आरक्षण देती है कि नहीं। इसके बाद मायावती ने केंद्र सरकार से प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था जल्द लागू करने की मांग की।
मालूम हो कि पदोन्नति में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने 12 साल पहले पदोन्नति में आरक्षण पर दिए फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा कि इस पर फिर से विचार करने की जरूरत और आंकड़े जुटाने की आवश्यकता नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि 2006 में नागराज मामले में दिए गए उस फैसले को सात सदस्यों की पीठ के पास भेजने की जरूरत नहीं है।
जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी) एवं अनुसूचित जनजातियों (एसटी) को नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए शर्तें तय की गई थीं। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार की यह अर्जी भी खारिज कर दी कि एससी/एसटी को आरक्षण दिए जाने में उनकी कुल आबादी पर विचार किया जाए।