राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग होने के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू केंद्र की मोदी सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमलावर हो गए हैं. अब मुख्यमंत्री चंद्रबाबू ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी को उनके साढ़े 4 साल के कार्यकाल पर बहस करने की चुनौती दे डाली. उन्होंने कहा कि वह बताए कि उनके कार्यकाल में देश को क्या फायदा मिला.
कई टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया देते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सवाल दागा कि मोदी सरकार के तहत क्या देश को आर्थिक वृद्धि दर हासिल हुई. उन्होंने पूछा, ‘संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में भी यह अच्छी नहीं रही होगी, लेकिन इस सरकार में भी बेहतर नहीं है. जीएसटी और नोटबंदी से क्या आर्थिक वृद्धि हासिल हुई?’
देश की आर्थिक प्रणाली ‘ध्वस्त’
नायडू ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की ओर से नोटबंदी और गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) जैसे आर्थिक सुधारों के कारण देश की आर्थिक प्रणाली ‘ध्वस्त’ हो गई. उन्होंने प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर बहस करने की चुनौती दी.
आंध्र के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को आगे बढ़ाकर फेडरल फ्रंट को बढ़ावा दे रहे थे. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस और बीजू जनता दल ने कभी भी फेडरल फ्रंट में शामिल होने की बात नहीं कही, लेकिन जेटली ने लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की.
मुख्यमंत्री नायडू ने सवाल उठाते हुए कहा कि मोदी तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की जीत पर क्यों खुश थे? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह के अलावा 13 केंद्रीय मंत्रियों और 3 मुख्यमंत्रियों ने तेलंगाना में बीजेपी के लिए जमकर प्रचार किया, लेकिन उन्हें महज एक सीट मिली.
उन्होंने याद दिलाया कि तेलंगाना राष्ट्र समिति के अध्यक्ष केसीआर ने मोदी को ‘फासिस्ट’ कहा था, लेकिन इस पर प्रधानमंत्री की चुप्पी यह साबित करता है कि उनमें कुछ गुप्त समझौता है. उन्होंने कहा कि देश में कोई फेडरल फ्रंट नहीं है- देश में केवल 2 ही फ्रंट है, एक बीजेपी और अन्य दलों का एनडीए और दूसरा बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस और अन्य पार्टियों का संगठन.