प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) इसलिए लाना पड़ा क्योंकि पाकिस्तान ने 1950 में नेहरू-लियाकत समझौते का पालन नहीं किया। जिसमें अपने-अपने देशों में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का वादा किया गया था। वहां ङ्क्षहदुओं व अन्य अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होते रहे। कई लोग मारे गए तो तमाम परिवार पलायन कर गए। विभाजन के समय पाक में 27.3 फीसद ङ्क्षहदू थे, अब केवल 3.4 फीसद रह गए हैं।
सीएए के समर्थन में विजयनगर तिराहे पर आयोजित भाजपा की गोष्ठी में उन्होंने कहा कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अत्याचार के कारण ङ्क्षहदू समेत अन्य अल्पसंख्यक भारत में शरण ले रहे थे। इनकी संख्या करोड़ों में है लेकिन इन्हें कोई अधिकार हासिल नहीं है। ऐसे लोग इस कानून की प्रतीक्षा कर रहे थे, जिसे लागू करने का साहस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाया है। उन्होंने कहा कि इन लोगों को भारत में नागरिकता नहीं मिलेगी तो कहां मिलेगी?
महात्मा गांधी ने भी विभाजन के वक्त कहा था कि यदि यह लोग भारत आना चाहेंगे तो आ सकते हैं। प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने भी यह बात उठाई थी। उन्होंने सवाल किया कि क्या कांग्रेस गांधी जी और मनमोहन सिंह को नहीं मानती? उन्होंने कांग्रेस, सपा और बसपा पर दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया। भाजपा कार्यकर्ता घर-घर जाकर इस दुष्प्रचार का पर्दाफाश करेगा। गोष्ठी की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सुनील बजाज व संचालन सत्येंद्र नाथ पांडेय ने किया।
विधान परिषद सदस्य अरुण पाठक ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर ऐसे लोग भ्रम फैला नहीं हैं, जो सीएए और सीएबी में फर्क नहीं जानते। विधायक सुरेंद्र मैथानी ने कहा कि शहर में ङ्क्षहसा को हवा देने वालों को जनता माफ नहीं करेगी। बाद में वित्तमंत्री ने क्षेत्र में पत्रक बांटकर नागरिकता कानून के संबंध में जानकारी दी। अध्यक्षता उत्तर जिलाध्यक्ष सुनील बजाज ने की। संचालन सत्येंद्र पांडेय ने किया।