सरकार देश में बड़े स्तर पर कोरोना वायरस वैक्सीन लगाने की तैयारी करने में जुटी हुई है। सरकार ने इसके लिए एक विस्तृत योजना तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। आमतौर पर होने वाले टीकाकरण के दौरान एक दिन में सैकड़ों लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जाती है। लेकिन कोरोना के टीकाकरण के दौरान ऐसा नहीं किया जाएगा।
मिली जानकारी के मुताबिक, हर प्रत्येक टीकाकरण केंद्र पर एक दिन में लगभग 100 लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जाएगी। टीकाकरण के अभियान के मद्देनजर सरकार सामुदायिक भवन और टेंट लगाने की व्यवस्था भी करेगी। इसके अलावा टीकाकरण केंद्रों पर ज्यादा जगह की जरूरत होगी।
टीकाकरण के बाद दुष्प्रभाव होने पर मरीज को डेडिकेटेड अस्पताल में भर्ती करवाने की व्यवस्था की जाएगी। इन जानकारियों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसीजर (एसओपी) के ड्राफ्ट के तौर पर राज्यों के साथ साझा किया गया है। एसओपी के मुताबिक, एक टीकाकरण केंद्र पर एक सुरक्षाकर्मी समेत पांच कर्मचारियों की तैनाती होगी। इसके अलावा, प्रतीक्षालय, टीकाकरण और निगरानी के लिए तीन कमरों की व्यवस्था होगी।
वैक्सीन लगवाने वाले हर एक व्यक्ति को अनिवार्य रूप से किसी भी तरह के विपरीत प्रभाव की आशंका के मद्देनजर 30 मिनट तक निगरानी में रखना होगा। अगर मरीज पर टीकाकरण का गंभीर प्रभाव पड़ता है तो उसे डेडिकेटेड अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। डेडिकेटेड अस्पताल का चुनाव राज्य करेंगे।
मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में भाग लेने वाले टीकाकरण अधिकारियों में से एक डॉ रजनी एन ने कहा, टीकाकरण के लिए तीन कमरों का निर्णय सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। वहीं, टीकाकरण कक्ष में एक समय केवल एक ही व्यक्ति प्रवेश करेगा। इसके अलावा प्रतीक्षा और निगरानी कक्ष में कई लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी।
डॉ रजनी ने कहा कि सामाजिक दूरी के कारण कुछ सीमाएं हैं, इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि हर घंटे केवल 13-14 लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। उन्होंने कहा, अभी यह निर्णय लिया गया है कि हर दिन 100 से अधिक लोगों का टीकाकरण नहीं किया जाएगा।