प्याज के लगातार बढ़ते दाम ने खून जमा देने वाली सर्दी में लोगों के पसीने छुड़ा दिए हैं। यह पहला अवसर है जब शहर में प्याज के दाम रिटेल में 140 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। ऐसा तब है जब सरकार ने अफगानिस्तान व तुर्की से प्याज का आयात भी शुरू कर दिया है। रिटेल में दाम बढ़ने से आयात किया गया प्याज भी सरकार के लिए संकटमोचन बनता नजर नहीं आ रहा है। अब रिटेल दुकानदार प्याज के दाम किलो में नहीं बल्कि पाव के बता रहे हैं।
शुक्रवार को ग्रीन मॉडल टाउन में रेहड़ी पर सब्जी बेचने वालों ने 35 रुपये प्रति पाव (250 ग्राम) के हिसाब से प्याज के दाम बताए। इस हिसाब से एक किलो प्याज की कीमत 140 रुपये बन रही है। हालांकि एक साथ एक किलो प्याज खरीदने के दाम 120 रुपये ही थे। लेकिन आधा किलो 65 व पाव भर प्याज के 35 रुपये तक वसूले गए। प्रशासन की निगरानी न होने के कारण रिटेलर मनमाने दाम पर प्याज बेच रहे हैं।
उपभोक्ता को नहीं भा रहा बाहर का प्याज
सरकार ने अफगानिस्तान और तुर्की से प्याज आयात किया है लेकिन स्वाद के मामले में आज भी अलवर का प्याज लोगों की पहली पसंद है। खास बात यह है कि कीमत में लगभग 20 से 30 प्रतिशत तक सस्ता होने के बावजूद लोग अफगानिस्तान व तुर्की का प्याज खरीदने से परहेज कर रहे हैं। इस कारण आयात किए गए प्याज की खपत होटल, रेस्टोरेंट व ढाबों पर ही अधिक हो रही है। प्याज की खरीद पर निवेश बढ़ गया है जबकि कमाई कम हुई है।
अलवर का प्याज थोक में नौ हजार रुपये क्विंटल मिल रहा है। बिक्री करते समय खराब पीस बाहर निकालने और पाव भर और आधा किलो तोल कर बेचने से वजन भी कम हो जाता है।
-जगदीश कुमार, रिटेल कारोबारी।
नए साल में जनवरी में नासिक के कुछ क्षेत्र से प्याज की आमद शुरू हो सकती है। घरेलू बाजार में इसी प्याज की मांग रहती है। जिसके चलते नासिक की फसल शुरू होते ही निश्चित रूप से दाम में गिरावट होगी।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal