उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव कराने के लिए पुलिस महकमे ने कमर कस ली है। डीजीपी मुख्यालय में चुनाव संबंधी आंकड़ों को इकट्ठा करने और आपात स्थिति से निपटने के लिए चुनाव सेल का गठन कर पुलिसकर्मियों की तैनाती भी कर दी गई है। पंचायत चुनाव की अधिसूचना 25 मार्च तक जारी हो सकती है।
सूत्रों की मानें तो डीआईजी कानून व्यवस्था धर्मेंद्र सिंह की देखरेख में बनाई गई सेल में 23 पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। फोर्स की उपलब्धता और चुनाव में आवश्यकता को देखते हुए फोर्स डिमांड का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
अधिसूचना जारी होने के बाद संवेदनशील क्षेत्रों के लिए केंद्र से केंद्रीय बल की मांग की जाएगी। हालांकि पुलिस की ओर से प्लान बी भी तैयार किया जा रहा है। केंद्र से फोर्स न मिलने पर किस तरह स्थानीय स्तर पर उपलब्ध फोर्स का उपयोग किया जा सके। इसके लिए डीजीपी मुख्यालय के साथ राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों की बैठकें चल रही हैं।
त्रिस्तरीय पंचायतों में ब्लॉक प्रमुख, बीडीसी सदस्यों, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्यों व जिला पंचायत सदस्यों के पदों पर आरक्षण का आवंटन जिला स्तर पर होगा। ब्लॉक प्रमुखों का आरक्षण आवंटन सोशल मीडिया पर वायरल होने पर विभाग ने इससे पल्ला झाड़ लिया है।
जिला पंचायत अध्यक्ष का आरक्षण व आवंटन 12 फरवरी को अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह ने जारी किया था। इसी के साथ ब्लॉक प्रमुख पदों पर किस जिले में कितनी सीट आरक्षित होगी, इसका चार्ट जारी किया था।
ग्राम प्रधान के कितने पद किस जिले और ब्लॉक में आरक्षित किए जाएंगे, इसका चार्ट भी निदेशक पंचायतीराज ने जारी किया था। सोशल मीडिया पर ब्लॉक प्रमुख पदों का आवंटन खूब वायरल हुआ। इसमें यह अंकित है कि 826 ब्लॉकों में कौन सा किस जाति जाति, वर्ग के लिए आरक्षित रहेगा। शासन व निदेशालय के अधिकारियों ने कहा कि ब्लॉक प्रमुख पद किस जाति या वर्ग के लिए आरक्षित होगा, इसका फैसला जिला स्तर पर होगा। वायरल सूची पर कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी।
उन्होंने बताया कि जिला मजिस्ट्रेट 2 व 3 मार्च को ब्लॉक प्रमुख ही नहीं ग्राम प्रधान, ग्राम सभा सदस्य, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्यों के निर्वाचन क्षेत्रों में आरक्षण आवंटन की अंतिम सूची चस्पा करेंगे। 4 से 8 मार्च तक इस पर आपत्ति ली जाएंगी। 10 से 12 मार्च तक उनका निस्तारण किया जाएगा। 13 व 14 मार्च को अंतिम सूची जारी की जाएगी और 15 मार्च को पंचायतीराज निदेशालय को इसकी सूचना उपलब्ध कराई जाएगी।
बता दें कि पंचायत चुनाव के लिए शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों का आरक्षण व आवंटन जारी कर दिया। कुल 16 पद अनुसूचित जाति के लिए और 20 पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किए गए हैं। वहीं,12 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। 27 पद ऐसे हैं जो अनारक्षित रहेंगे। अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने लोकभवन में जिला पंचायत अध्यक्षों के पदों का आरक्षण व आवंटन जारी करने के साथ ही ब्लॉक प्रमुख का जिलावार आरक्षण चार्ट भी जारी किया।
जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए एससी के लिए आरक्षित 16 पदों में से लखनऊ व सीतापुर समेत 6 पद इसी वर्ग की महिलाओं के लिए हैं। वहीं, बाराबंकी व रायबरेली समेत बाकी 10 पद पर एससी वर्ग का कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है। वहीं, ओबीसी के लिए आरक्षित 20 पदों में से सात पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
निदेशक पंचायतीराज किंजल सिंह ने विकास खंडवार ग्राम प्रधानों के पदों का आरक्षण चार्ट जारी किया। ब्लॉक प्रमुख व ग्राम प्रधान के पदों पर आरक्षण का आवंटन जिला स्तर पर किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि 2015 की तुलना में प्रदेश में जिला पंचायत सदस्य के 69 वार्ड (निर्वाचन क्षेत्र) घट गए हैं, लेकिन 5 विकास खंड (ब्लॉक) बढ़े हैं। क्षेत्र पंचायत समिति (बीडीसी) के 1946 वार्ड घटे हैं और 880 ग्राम पंचायतें कम हो गई हैं। ग्राम पंचायत सदस्य के 12545 पद घट गए हैं।