पुलिस ने गोविंद हत्याकांड का खुलासा किया तो चौंकाने वाली वजह सामने आई है। गिरफ्तार छह दोस्तों ने गोविंद की हत्या करने का पूरा घटनाक्रम बयां किया है। नवाबगंज के केसा कालोनी निवासी रोहन व प्रियांशू, परमियापुरवा के आकाश, सौरभ व सागर तथा सुखऊपुरवा के आदित्य को गिरफ्तार किया गया है।
एक जुलाई को नवाबगंज थाना क्षेत्र के मैनावती मार्ग निवासी केस्को कर्मी रमेश चंद्र के 25 वर्षीय बेटे गोविंद की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। उसका शव कानपुर देहात के रनियां के पास एक नाले में पड़ा मिला था। वह दोस्त की बर्थडे पार्टी में जाने के लिए घर से निकला था और रात में एटीएम से रुपये निकाले जाने का मैसेज मोबाइल पर आने के बाद पिता ने अनहोनी की आशंका जता गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने बताया कि नवाबगंज थाना क्षेत्र के केसा कालोनी निवासी 20 वर्षीय रोहन उर्फ गोलू व प्रियांशू, परमियापुरवा निवासी 21 वर्षीय आकाश उर्फ मोनू, सौरभ राठौर व सागर वाल्मीकि तथा सुखऊपुरवा निवासी आदित्य कुमार ने गोविंद का अपहरण करके हत्या को अंजाम दिया था। रोहन से पूछताछ में सामने आया कि गोविंद के घर पर उसका दोस्त आकाश उर्फ मोनू हुक्का पीने गया था। घर पर हुक्का का पाइप मांगने पर गोविंद ने उसे भला बुरा कहा था और अपमानित करके देकर भगा दिया। एक जुलाई को विष्णु के घर जन्मदिन पर रोहन अपने साथियों आदित्य, आकाश, सौरभ, प्रियांशू व सागर वाल्मीकी के साथ मौजूद था। शाम को 6-7 बजे के आसपास आदित्य, आकाश, प्रियांशु व सागर वाल्मीकि केक लेने जा रहे थे। सीएनजी पेट्रोल पंप के पास दोस्तों ने गोविंद को कार के साथ देखा। इसपर आकाश ने कहा कि घर पर मुझे गाली देकर भगा दिया था अब इसे सबक सिखाना है।
सागर ने तमंचा दिखाकर धमकाते हुए गोविंद को उसकी कार के अंदर बिठा लिया और हार्डवेयर की दुकान से टेप खरीदकर उसका मुंह बंद कर दिया। बाकी दोस्त पीछे से उसके हाथ पकड़कर बैठ गए थे। कार चलाना नहीं आने की वजह से आकाश ने फोन करके सौरभ को बुलाया। इसके बाद सौरभ कार चलाने लगे और सभी गोविंद को घेरकर बैठ गए। गोविंद की अंगुठी व चेन भी छीन ली। कुछ देर बाद घर से कॉल आने लगीं तो गोविंद को धमकाकर कॉल रिसीव कराई। फोन पर घरवालो से बात करा दी ताकि कोई शक न हो। फोन पर उसकी बहन निशा कह रही थी कि हमने थाने में रिपोर्ट कर दी है। यह सुनकर उन्हें गुस्सा आ गया और कहा कि गोविंद को यहीं निपटा देते हैं वरना सबको फंसवा देगा। गोविंद ने कहा कि हमसे रुपया ले लो लेकिन मुझे मत मारो। वहां पर लोग पहचानते नहीं थे इसलिए कार से आगे बढ़ गए। कुछ दूरी के बाद सागर कार से उतर गया और काम होने पर हिस्सा देने की बात कही।
इसके बाद कार से सिंहपुर, परियर होते उन्नाव सिविल लाइंस पहुंचे और गोविंद को रुपये निकालकर लाने के लिए एटीएम पर भेजा। रोहन उसके पीछे पीछे गया था और एटीएम के बाहर खड़ा रहा था। एटीएम से कम रुपये निकालकर लाने पर उससे और लाने को कहा लेकिन एटीएम से दोबारा रुपये नहीं निकले। इस बीच सभी गोविंद को मारकर फेंकने का फैसला कर लिया। एटीएम बूथ से वापस आया तो गोविंद को बिठाकर शुक्लागंज के पास पहुंचने पर चलती कार में आकाश के इशारे पर प्रियांशू ने पैर व आदित्य ने हाथ पकड़ लिये। इसके बाद आकाश और रोहन ने गमछे से उसका गला कस दिया। उसकी मौत होने पर शव लेकर रामादेवी होते हुए रनियां के पास रायपुर कुकहट के पास पहुंचे, जहां नाले में शव फेंक दिया।
इसके बाद सागर को गोविंद की हत्या कर शव ठिकाने लगाने की जानकारी दी। एक चौराहे के पास कार छोड़ दी। लूटी हुई चैन व अंगूठी आदित्य को बेचने के लिए दी और एटीएम से निकाले गए 20 हजार रुपये आपस में बांट लिए। कार को बाद में बेचने के इरादे से घंटाघर के पार्किंग स्टैंड पर खड़ी करके टेंपो से विष्णु के घर चले गए। पुलिस ने अभियुक्तों की निशानदेही पर गोविंद की लूटी गई कार बरामद कर ली है। पचास हजार रुपये सुनार के पास रखे जेवर भी बरामद किए गए हैं।