सामाजिक गतिविधियों से जुड़े भारत और पाकिस्तान के लोग दोनों देशों के मतभेद दूर करने के लिए आगे आए हैं। ट्रैक-2 वार्ता के तहत इन लोगों ने इस्लामाबाद में दो दिन तक द्विपक्षीय मुद्दों पर बात की। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों में पैदा तनाव को कम करने का यह पहला प्रयास है।
राजनीति और विवाद से अलग नई शुरुआत, शीर्षक वाली पहल इस्लामाबाद की संस्था रीजनल पीस इंस्टीट्यूट (आरपीआइ) ने की है। आरपीआइ के मुख्य कार्यकारी रऊफ हसन ने ट्वीट कर बताया कि बैठक में कोई औपचारिक वार्ता नहीं हुई। किसी खास मसले पर चर्चा नहीं हुई। दोनों देशों के लोग हर हालत में शांति बनाए रखने को संकल्पबद्ध थे।
शांति को कैसे बनाए रखें, इसके लिए हम रास्ते तलाशेंगे। इस वार्ता में भारत की ओर से छह लोगों ने भाग लिया। शुक्रवार और शनिवार को हुई बैठकों में जनता की सुरक्षा, व्यापार और दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों बढ़ाने के तरीकों पर वार्ता हुई। इसमें युवाओं को अग्रणी भूमिका देने पर सहमति बनी।
इन बैठकों में भविष्य की रूपरेखा तैयार करने, दोनों देशों की समान बातों को उभारने और विकास को मुद्दा बनाने पर चर्चा हुई। पुलवामा हमले के बाद युद्ध के कगार पर पहुंचे दोनों देशों के बीच विश्वास कायम करने को लेकर पहली बार यह कोशिश हुई है। गैर-सरकारी लोगों की यह चर्चा करतारपुर कॉरीडोर परियोजना पर दोनों देशों के अधिकारियों की रविवार को अटारी-वाघा सीमा पर होने वाली बैठक से पहले हुई है।