MUMBAI: MUMBAI के कुछ जैन मंदिर इन दिनों 500-1000 के पुराने नोट बदलने के लिए नई-नई तरकीब लगाने में जुटे हैं।
कुछ मंदिर तो ऐसे हैं जो श्रद्धालुओं से अनुरोध कर रहे हैं कि वे मंदिर को दान में मिला करोड़ों का चंदा जिनमें ज्यादातर 500-1000 के नोट हैं उसे ले लें और जैसे उचित समझें उसका इस्तेमाल करें।
मंदिर ने साथ ही कहा कि उनको यह पैसा कुछ महीने बाद वापस चाहिए और वह भी सभी नए नोट के साथ।
आस-पास के कई मंदिर अपने स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ बैठक कर रहे हैं और उनसे कह रहे हैं कि अगर वे चाहें तो 25 हजार से 50 हजार के बीच की रकम अभी ले सकते हैं और उसे अगले साल नई करंसी में लौटा सकते हैं। सूत्रों का कहना है, ‘मंदिर ट्रस्ट ने हमसे कहा कि हम एक निश्चित रकम बिना ब्याज के ले सकते हैं और अगले साल अप्रैल तक रकम वापस कर सकते हैं।’
कुछ मंदिर यह रास्ता इसलिए भी अपना रहे हैं क्योंकि उनके पास जितना भी कैश है वह सब दान में मिला हुआ नहीं है। इनमें से ज्यादातर पैसा उन अमीर जैन व्यवसायियों ने दिया है जो पवित्र मौकों पर अलग-अलग पूजा और रीति रिवाज को स्पॉन्सर करते हैं। दक्षिण मुंबई के एक मंदिर के ट्रस्ट के सूत्र ने कहा, ‘500-1000 के नोट बंद होने के बाद ज्यादातर मंदिरों के लिए अपनी नकद राशि का बंदोबस्त करना मुश्किल हो रहा है। यही वजह है कि मंदिर अब श्रद्धालुओं से मदद की उम्मीद कर रहे हैं।’
लालबाग के एक मंदिर के ट्रस्टी का कहना है, मंदिर बिना ब्याज के पैसे दे रहे हैं और लोगों से कह रहे हैं कि वे 4-5 महीने बाद पैसे वापस करें। इस रकम का इस्तेमाल लोग अपनी तुरंत की जरूरतों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं। लेकिन इसमें मुश्किल यह है कि आम लोग जो पहले ही नोट बदलवाने के लिए बैंकों की लाइन में खड़े हैं उन्हें मंदिर से मिली रकम को भी बदलवाना पड़ेगा जिससे उनकी मुसीबत और बढ़ सकती है।