मोदी सरकार ने किसानों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, नौकरीपेशा लोगों के लिए अपना खजाना खोलते हुए अगले वित्त वर्ष के अंतरिम बजट में घोषणाओं की झड़ी लगा दी।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में अंतिरम बजट पेश करते हुए छोटे तथा सीमांत किसानों की मदद के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि बनाने की घोषणा की जिसके तहत दो हेक्टेयर तक की जोत वाले किसानों को सालाना छह हजार रुपये की मदद दी जायेगी। वित्त मंत्री ने बताया कि यह योजना गत एक दिसंबर से लागू मानी जायेगी।
इसके तहत मदद की राशि सीधे किसानों के खाते में डीबीटी के जरिये जमा की जायेगी। इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठायेगी। यह राशि दो-दो हजार की तीन बराबर किस्तों में दी जायेगी। पहली किस्त जल्द किसानों के खाते में भेज दी जायेगी। इससे करीब 12 करोड़ किसान परिवारों को लाभ मिलेगा। इससे सरकारी खजाने पर सालाना करीब 75 हजार करोड़ रुपये का बोझ आयेगा।
वित्त मंत्री ने नौकरीपेशा लोगों को भारी राहत देते हुये कहा कि पांच लाख रुपये तक की आय पर कर नहीं लगेगा और 6.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले नोकरीपेशा लोगों को कोई कर नहीं देना होगा। उनकी इस घोषणा पर सदन में हर्ष की लहर दौड़ गयी तथा कई मिनट तक सदन तालियों की गड़गड़ाहट और मोदी मोदी के नारों से गूंजता रहा। उन्होंने 4० हजार रुपये तक के ब्याज पर टीडीएस नहीं काटने की भी घोषणा की जो अभी दस हजार रुपये ब्याज पर लागू है।
गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि चालू वित्त वर्ष से ही प्रभावी हो रहा है और इसके लिए चालू वर्ष में 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है । उन्होंने कहा कि सरकार ने करोड़ों को रोजगार देने वाले एमएसएमई सेक्टर को सशक्त करने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए है। इस क्षेत्र के लिए हाल ही में सिर्फ 59 मिनट में एक करोड़ तक का ऋण स्वीकृत करने की योजना शुरु की गई है।
उन्होंने अर्थव्यवस्था का उल्लेख करते हुये कहा कि अगले पांच सालों में भारत की अर्थव्यवस्था पांच लाख करोड़ डॉलर की और अगले आठ सालों में यह 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था हो जायेगी। उन्होंने कहा कि नोटबंदी एवं कालेधन पर रोक के लिए किये गये उपायों से 1.30 लाख करोड़ रुपये का पता चला है।
नोटबंदी के बाद आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या में भारी बढोतरी हुयी है। वर्ष 2017-18 में 1.०6 करोड़ करदाता बढ़े और एक करोड़ से अधिक लोगों ने पहली बार रिटर्न भरा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वन रैंक वन पेंशन के तहत पिछले वषोर्ं में जवानों के लिए 35 हजार करोड़ रुपये दिए हैं।