नई दिल्ली। आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद से ही लगातार चल रही कश्मीर थमने का नाम नहीं ले रही है। कश्मीर में लगातार बढ़ती हिंसा को देखते हुए पीएम मोदी ने हालात काबू करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल को दे दी है। अजीत डोभाल के नेतृत्व में एक तरफ जम्मू-कश्मीर की जमीन से भारत विरोधी किसी भी गतिविधि पर नो टॉलरेंस की पॉलिसी अपनाई जाएगी। दूसरी तरफ, पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर बेनकाब करने के लिए पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) और बलूचिस्तान के विदेश में रह रहे नागरिकों से संपर्क साधने का काम शुरू हो चुका है।
अजीत डोभाल का मास्टर प्लान
सूत्रों ने बताया कि सीमा पार घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए नए सिरे से काफी सख्त योजना तैयार की गई है। कश्मीर में आतंकियों की पत्थरबाजी रोकने के लिए अब पैलेट की जगह और घातक हथियारों का प्रयोग किया जाएगा। घाटी में हिंसा और अशांति के लिए हो रही फंडिंग रोकने के लिए आक्रामक योजना बनाई जा रही है। एनआईए ने इन मामलों की जांच के लिए बैंकिंग रूट को खंगालना शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया और अफवाह फैलाने के विभिन्न तंत्र को लिए भी योजना तैयार की जा रही है। घाटी में पाकिस्तान और आईएस के झंडे लहराने जैसी हरकतों को भी नजरअंदाज नहीं किए जाने का फैसला लिया गया है।
मोदी सरकार के मास्टर प्लान के तहत हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से जल रहे कश्मीर में अब कोई आतंक का पोस्टर ब्वॉय न बन पाएगा। इसके तहत अलगाववादी नेता जैसे सैयद अली शाह गिलानी, याशिन मल्लिक और आशिया अंद्राबी जैसे नेताओं पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। इन अलगाववादियों के खिलाफ अब आतंकवाद विरोधी क़ानून (unlawful activities prevention Act) यानि UAPA के तहत कार्रवाई करने का प्लान बन गया है। प्लान को पूरा करने के लिए बस केंद्र सरकार को जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा को मनाना होगा।