प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को एक बेहतर और आकर्षक निवेश स्थल के रूप में पेश करते हुये विदेशी निवेशकों को निवेश के लिये आमंत्रित किया और कहा कि इस समय भारत में एक ऐसी सरकार है जो कि उद्यमियों और पूंजी सृजित करने वालों का सम्मान करती है।
उन्होंने कहा कि भारत में कॉरपोरेट कर में जो कटौती की गई है वह सुधारों की लंबी पारी की शुरुआत भर है। उन्होंने विदेशी उद्यमियों को विश्वास दिलाया की जो भी कमियां होंगी उन्हें दूर करने के लिये वह खुद एक पुल के रूप में काम करेंगे।
उन्होंने कहा, “भारत की वृद्धि के चार अहम कारक है, जो एक साथ दुनिया में मिलने मुश्किल हैं। ये हैं – लोकतंत्र, जनसांख्यिकी (युवा आबादी), मांग और निर्णय लेने की क्षमता। उन्होंने कहा कि जब लोकतंत्र के साथ राजनीतिक स्थिरता हो, बेहतर नीति हो, स्वतंत्र न्यायपालिका हो तो निवेश की सुरक्षा और वृद्धि की गारंटी आपको मिलती है।”
मोदी ने यहां ब्लूमबर्ग ग्लोबल बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुये कहा कि पिछले सप्ताह कॉरपोरेट कर में कटौती का फैसला निवेश बढ़ाने की दिशा में “एक क्रांतिकारी कदम” है और कारोबारियों ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए स्वागत किया है।
भारत सरकार ने इस महीने की शुरुआत में कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर को करीब 35 प्रतिशत से घटाकर 25.17 प्रतिशत पर ला दिया। इससे कराधान के मोर्चे पर भारत प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की बराबरी पर आ गया है।
मोदी ने कहा, “यदि आप दुनिया के बड़े बाजारों में निवेश करना चाहते हैं तो भारत आइये … यदि आप स्टार्टअप में निवेश करना चाहते हैं तो भारत आइये … यदि आप दुनिया के सबसे बड़े बुनियादी ढांचा तंत्रों में से एक में निवेश करना चाहते हैं तो भारत का रुख कीजिये।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत तेजी से अपने शहरों का आधुनिकीकरण कर रहा है और उन्हें नवीन तकनीक और नागरिक अनुकूल आधारभूत संरचना से लैस कर रहा है। उन्होंने कहा, “इसलिए यदि आप शहरीकरण में निवेश करना चाहते हैं तो भारत आइये। भारत ने अपने रक्षा उद्योग के दरवाजों को इस तरह से खोला है जैसा पहले कभी नहीं किया गया।”
भारत वैश्विक निवेशकों का इंतजार कर रहा है। मोदी ने कहा, “भारत आपके लिए एकमात्र स्थान है। मैं आपका स्वागत करने के लिए इंतजार कर रहा हूं। आपकी इच्छाएं और हमारे सपने पूरी तरह से मेल खाते है।
आपकी प्रौद्योगिकी और हमारी प्रतिभा दुनिया को बदल सकती है। आपका पैमाना और हमारा कौशल वैश्विक आर्थिक वृद्धि को गति प्रदान कर सकते हैं। आपके तर्कसंगत तरीके और हमारे मानवीय मूल्य उस मार्ग को दिखा सकते हैं जिसकी दुनिया तलाश कर रही है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “यदि कहीं भी कोई अंतर है, तो मैं खुद उसे दूर करने के लिए पुल के रूप में काम करूंगा।” उन्होंने जोर दिया कि सरकार नए हवाई अड्डे, रेलवे लाइन, विद्युतीकरण, नई सड़कें बिछाने और सभी को आवास देने के लिए 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का विचार कर रही है।”
कारोबारी धारणा को बेहतर बनाने के लिए मोदी सरकार ने कई कदम उठाए हैं उनमें 50 कानूनों को समाप्त करना भी शामिल है, जो कि विकास के रास्ते में आ रहे थे। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ शुरुआत है। अभी बहुत आगे जाना है। इस यात्रा में हम वैश्विक कारोबारी समुदाय के साथ साझेदारी चाहते हैं। यह आपके लिए एक सुनहरा अवसर है।”
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार कारोबारी माहौल को सुधारने के लिए बड़े कदम उठाने से नहीं हिचकती है। आज भारत में एक ऐसी सरकार है जो कारोबारी जगत और संप्पति सृजनकर्ताओं का सम्मान करती है।
उन्होंने कहा, “नए भारत में हमने लाइसेंस राज और बाधाओं को खत्म की मुहिम चलाई है। ऐसे ही सुधारों के कारण हर वैश्विक रैंकिंग में भारत निरंतर बेहतर प्रदर्शन करता जा रहा है।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक में 10 पायदान की उछाल, वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक में 13 अंक की बढ़त और वैश्विक नवोन्मेष सूचकांक में 24 स्थान और विश्व बैंक कारोबारी सुगमता रैकिंग में 65 स्थानों का सुधार अभूतपूर्व और असाधारण हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। हमने पांच साल में अर्थव्यवस्था में 1,000 अरब डालर जोड़े हैं। अब हम कमर कसकर 5,000 अरब डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के 175 गीगावाट के लक्ष्य में से 120 गीगावाट हासिल कर लिया गया है। निकट भविष्य में हम 450 गीगावाट का लक्ष्य लेकर चल रहे है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को पिछले पांच साल में 286 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिला है, जो कि पिछले 20 साल में देश में जितना एफडीआई आया था उसका आधा है।