प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र के पुत्र साकेत अब राजनीति में हाथ आजमाएंगे। उन्हें लोकसभा की श्रावस्ती सीट से भाजपा का टिकट मिलना तय माना जा रहा है।
श्रावस्ती से इस समय दद्दन मिश्र भाजपा सांसद हैं। उनका टिकट कट सकता है या कहीं और से चुनाव लड़ाया जा सकता है। पूर्व आईपीएस अधिकारी और जर्मनी के डच बैंक में उच्च पदों पर काम कर चुके साकेत के नाना पंडित बदलूराम शुक्ल बहराइच से 1971 में कांग्रेस सांसद रह चुके हैं। तब श्रावस्ती बहराइच लोकसभा सीट के अंतर्गत था।
डच बैंक की नौकरी छोड़ भारत लौटे साकेत आठ महीने से श्रावस्ती में सक्रिय हैं। वह न सिर्फ भाजपा के अभियानों में सक्रिय हैं बल्कि लोगों के दुख-सुख में भी शामिल रहे हैं।
टिकट मिलेगा तो लड़ूंगा
चुनाव लड़ने पर खुद साकेत मिश्र का कहना है कि टिकट का फैसला ईश्वर व भाजपा नेतृत्व करेगा। टिकट मिलेगा तो चुनाव लडूंगा वरना लोगों की सेवा करूंगा। सिर्फ चुनाव लड़ने ही नहीं आया हूं। बचपन से ही श्रावस्ती नियमित रूप से आता रहा हूं।
‘सोचा गांव का कर्ज उतारूं, श्रावस्ती के विकास का सपना’
सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र में स्नातक और आईआईएम कोलकाता से एमबीए कर चुके साकेत आईपीएस में चयनित होने से पहले ही जर्मनी के एक बैंक में नौकरी करने लगे थे। नौकरी छोड़ राजनीति में आने पर अमर उजाला ने सवाल किया, तो बोले, ‘ईश्वर ने सब कुछ दिया है तो सोचा कि गांव का कर्ज उतारने में लगा जाए और वहां का विकास किया जाए। श्रावस्ती काफी पिछड़ा है। यहां गांवों में काफी गरीबी है। सोच रहा हूं कि जो अनुभव मिला है, उसका इस्तेमाल ननिहाल में लोगों का जीवन स्तर उठाने और विकास से लोगों की दुश्वारियों का दूर करने में किया जाए। श्रावस्ती के विकास का ही सपना है।
आईपीएस में चयन, पर नौकरी नहीं की
साकेत जर्मनी के बैंक से छुट्टी लेकर भारत आए और सिविल सर्विस की परीक्षा दी। साकेत का वर्ष 1994 में आईपीएस में चयन हो गया था, लेकिन नौकरी करने का मन नहीं हुआ, वापस डच बैंक में नौकरी कर ली। बैंक में वह 16 साल उच्च पदों पर रहे। ननिहाल में खेती-बाड़ी के सिलसिले में श्रावस्ती आते ही रहते थे। अब यहां की माटी से रिश्ता जोड़ेंगे।
मिलेगा नाना के रिश्तों का फायदा
लोकसभा क्षेत्र श्रावस्ती, भिनगा व श्रावस्ती विधानसभा सीट व बलरामपुर जिले की बलरामपुर सदर, गैसड़ी व तुलसीपुर से मिलकर बना है। लोकसभा क्षेत्र श्रावस्ती का गठन होने से पहले भिनगा और श्रावस्ती विधानसभा क्षेत्र बहराइच लोकसभा क्षेत्र में ही आते थे।
इस नाते साकेत के नाना पंडित बदलूराम शुक्ल का भी श्रावस्ती में राजनीतिक संपर्क और संबंध पुराना रहा है। बहराइच के प्रतिष्ठित अधिवक्ता होने के कारण भी बदलूराम शुक्ल खासे लोकप्रिय थे। शुक्ल के बाद उनके परिवार से कोई भी राजनीति में नहीं आया। वर्षों बाद उनके नाती साकेत सक्रिय हुए हैं।