मुख्य सचिवों का तीन दिन का राष्ट्रीय सम्मेलन नई दिल्ली में शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज और शुक्रवार को सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। सम्मेलन का पहला संस्करण 2022 में धर्मशाला में और दूसरा इस साल दिल्ली में आयोजित किया गया था। सहकारी संघवाद के सिद्धांत के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहभागिता और साझेदारी को प्रोत्साहित करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया जाता है।
इन पाचं विषयों पर की जाएगी चर्चा
सम्मेलन में केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों, मुख्य सचिवों तथा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित दो सौ से अधिक लोग शामिल होंगे। इस वर्ष सम्मेलन का मुख्य फोकस ‘ईज ऑफ लिविंग’ पर होगा। कल्याणकारी योजनाओं तक आसान पहुंच और सेवा वितरण में गुणवत्ता पर विशेष जोर देने के साथ सम्मेलन में भूमि और संपत्ति, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य और स्कूली शिक्षा जैसे पांच उप-विषयों पर चर्चा की जाएगी।
इनके अलावा ‘साइबर सुरक्षा की उभरती चुनौतियां, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर परिप्रेक्ष्य’, ‘जमीनी कहानियां: आकांक्षी ब्लॉक और जिला कार्यक्रम, ‘राज्यों की भूमिका: योजनाओं और स्वायत्त संस्थाओं का युक्तिकरण’ और पर विशेष सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।इनके अलावा नशामुक्ति और पुनर्वास, अमृत सरोवर, पर्यटन संवर्धन, राज्यों की ब्रांडिंग और भूमिका, पीएम विश्वकर्मा योजना और पीएम स्वनिधि पर भी चर्चा होगी।।
वरिष्ठ अधिकारियों सहित 200 से अधिक लोग रहेंगे मौजूद
तीन दिवसीय सम्मेलन में केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों, मुख्य सचिवों और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित 200 से अधिक लोग भाग लेंगे। यह सरकारी हस्तक्षेपों के वितरण तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की बेहतर गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए सहयोगात्मक कार्रवाई के लिए आधार तैयार करेगा।
इस वर्ष मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्य फोकस ‘ईज ऑफ लिविंग’ होगा। सम्मेलन में राज्यों के साथ साझेदारी में एकजुट कार्रवाई के लिए एक सामान्य विकास एजेंडा और ब्लूप्रिंट के विकास और कार्यान्वयन पर जोर दिया जाएगा।