पीएम आवास योजना 2.0: केंद्र ने पंजाब में तीस हजार मकानों को दी मंजूरी

प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत पंजाब में घरों के निर्माण का काम शुरू हो जाएगा क्योंकि केंद्र सरकार ने 30 हजार मकानों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। सात महीने में 60 हजार लोगों ने योजना के लिए आवेदन किया है।

पहले के मुकाबले लोग योजना के प्रति अधिक रुचि दिखा रहे हैं क्योंकि पीएम आवास योजना-1 के अंदर पांच साल में सिर्फ 70,568 मकानों को ही मंजूरी मिली थी जिसकी आवेदन प्रक्रिया 2018 से 2022 तक चली थी। हर महीने औसतन साढ़े आठ हजार लोग आवेदन कर रहे हैं। इस कारण प्रदेश सरकार ने योजना के तहत मकान बनाने का लक्ष्य भी बढ़ाया है। अब ढाई लाख की जगह तीन लाख मकान बनाए जाएंगे।

एक लाख रुपये सब्सिडी दे रहा केंद्र

राज्य सरकार योजना के लिए अपने हिस्से से एक लाख रुपये सब्सिडी दे रही है जबकि पहले यह राशि सिर्फ 75 हजार रुपये थी। इसी तरह डेढ़ लाख रुपये केंद्र सरकार की तरफ से भी दिए जा रहे हैं। केंद्र की मंजूरी के साथ ही लोगों को आवेदन राशि मिलनी शुरू हो जाएगी। मकानों की नींव का काम पूरा होने के बाद कुल 50 हजार रुपये मिलेंगे जिसमें केंद्र का शेयर 30 और राज्य का 20 हजार रुपये होगा। इसी तरह बीम (लिंटेल) का काम पूरा होने के बाद एक लाख रुपये जारी किए जाएंगे। इसमें केंद्र 60 हजार और राज्य की तरफ से 40 हजार रुपये जारी किए जाएंगे। इसी तरह छत डालने का काम पूरा होने पर कुल 50 हजार रुपये जारी होंगे। मकान का पूरा होने के बाद 50 हजार रुपये रशि जारी की जाएगी।

तीन लाख रुपये होनी चाहिए वार्षिक आय

योजना के तहत लाभार्थी को दो कमरे, एक बाथरूम, किचन बनाने के लिए राशि दी जाती है। लाभार्थी की वार्षिक आय तीन लाख रुपये होनी चाहिए। साथ ही उसके पास 45 वर्ग गज जमीन भी होनी चाहिए। जिन लोगों ने पिछले पांच साल में केंद्र व राज्य की किसी योजना का लाभ नहीं लिया, उनको यह राशि दी जाती है।

स्थानीय निकाय विभाग का सर्वे जारी

स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से उन लोगों का सर्वे किया जा रहा है, जो योजना के तहत मकान बनाने चाहते हैं। इससे अधिक लाभार्थियों की पहचान करने में भी मदद मिल रही है। विभाग आवेदन में भी लोगों की सहायता कर रहा है। केंद्र ने अगस्त 2024 में पीएम आवास योजना 2.0 को मंजूरी दी थी। वहीं पीएम आवास योजना-1 वर्ष 2015 में जारी की गई थी ताकि पंजाब में उन गरीब लोगों को पक्का घर प्रदान किया जा सके, जो कच्चे घरों में रह रहे हैं। प्रदेश में पहले धीमी गति से योजना पर काम चल रहा था। इस कारण केंद्र ने पिछले साल निर्देश दिए थे कि राज्य सरकार की तरफ से या तो तय समय के अंदर इन मकानों का काम पूरा किया जाए या फिर लंबित मकानों और राशि को सरेंडर कर दिया जाए।

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