हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने पहली बार सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। दोबारा हंगामा होने पर स्पीकर कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद आप विधायकों ने विधानसभा परिसर में भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की।
विधानसभा में मंगलवार को बजट सत्र के दौरान आप विधायकों ने एक बार सदन में पानी बिल माफी योजना रोकने के विरोध में हंगामा किया। हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने पहली बार सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। दोबारा हंगामा होने पर स्पीकर कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद आप विधायकों ने विधानसभा परिसर में भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की।
इतना ही नहीं, प्रदर्शन के अंत में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने भाजपा का पुतला जलाया। इस दौरान उन्होंने उपराज्यपाल से अधिकारियों को जल्द से जल्द योजना का प्रस्ताव कैबिनेट में लाने का निर्देश देने की मांग की। आप विधायकों ने नियम 280 के तहत मुद्दे उठाने का क्रम समाप्त होने के बाद पानी बिल माफी योजना रोकने के विरोध में हंगामा करना शुरू किया। विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में आए गए। इस मौके पर आप विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि जनता पानी के बढ़े बिलों से परेशान है और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने अधिकार के तहत उनको योजना लाकर राहत देना चाहते, लेकिन भाजपा उपराज्यपाल कार्यालय और सर्विस विभाग के जरिये अधिकारियों पर दबाव डालकर सरकार को यह योजना नहीं लाने दे रही है। वहीं विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि भाजपा को अपने अहंकार में जनता के हितों की कोई परवाह नहीं है। विधायक संजीव झा ने कहा कि स्कीम को पास होने तक हमारा विरोध जारी रहेगा।
अतिरिक्त आयुक्त के आदेश का आप ने जताया विरोध 
नई दिल्ली। विधानसभा में आप विधायकों ने निगम के एक अतिरिक्त आयुक्त की ओर से विधायक फंड के तहत विकास कार्य रात के साथ-साथ छुट्टी वाले दिन पर रोक लगाने की मांग का कड़ा विरोध किया। उनकी ओर से पास किए गए प्रस्ताव के तहत अध्यक्ष ने यह मामला विशेषाधिकार समिति को भेज दिया। उन्होंने इस मामले में समिति को एक मार्च को सदन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। आप विधायक बीएस जून ने अतिरिक्त आयुक्त के आदेश को गैरकानूनी करार दिया।
बिधूड़ी ने रोजगार बजट पर सरकार को घेरा
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दिल्ली सरकार की ओर से दो साल पहले प्रस्तुत किए गए रोजगार बजट को लेकर मंगलवार को सदन में केजरीवाल सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पांच साल में 20 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया था, जबकि श्रम विभाग का कहना है कि उसके पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है, जिससे पता चल सके कि  दो सालों में कितने लोगों को नौकरी दी गई। बिधूड़ी ने नियम 280 के तहत रोजगार बजट का मामला उठाते हुए कहा कि सरकार के वादे के अनुसार हर साल चार लाख और अब तक आठ लाख लोगों को रोजगार मिलना चाहिए था, लेकिन खुद सरकार के पास ही रोजगार देने का कोई आंकड़ा नहीं है। इसका मतलब है कि किसी को रोजगार नहीं दिया गया।
केंद्र व एलजी के दबाव में रोकी स्कीम : भारद्वाज
शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और उपराज्यपाल के दबाव में वन टाइम सेटलमेंट स्कीम रोकी जा रही है, जबकि लगभग 11 लाख उपभोक्ता गलत बिल से परेशान हैं और दिल्ली सरकार राहत देने के लिए काफी समय से योजना लाने की कोशिश कर रही है। दिल्ली सरकार के उच्च अधिकारी योजना लाने के लिए प्रस्ताव तैयार नहीं कर रहे हैं। 15 फरवरी को मुख्यमंत्री और जल बोर्ड की अध्यक्ष आतिशी के साथ-साथ उन्होंने उपराज्यपाल को मामले से अवगत कराया था। उपराज्यपाल ने कहा कि वे मुख्य सचिव को योजना के तहत प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में लेकर आने के निर्देश जारी करें। इस पर उन्होंने उपराज्यपाल के सुझाव के बाद ही मुख्य सचिव को निर्देश जारी किए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। 
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