पाकिस्तान की सरकार ने अब स्पेशल कोर्ट की बेंच के चीफ जस्टिस वकार अहमद सेठ के खिलाफ कार्रवाई का फैसला किया है। दरअसल संविधान का उल्लंघन कर आपातकाल लगाने के मामले में स्पेशल कोर्ट की बेंच के चीफ जस्टिस वकार अहमद सेठ ने मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई थी।
विस्तृत फैसला जारी होने पर खुलासा हुआ कि पीठ ने अधिकारियों से कहा है कि ‘भगोड़े मुशर्रफ को पाकिस्तान लाकर कानून के अनुसार दंडित करें। इस फैसले में यह भी कहा गया है कि अगर इससे पहले मुशर्रफ की मौत हो जाए तो उनके शव को घसीटकर इस्लामाबाद चौक पर लाएं और तीन दिन तक उसे वहां टांगे रखें।
3 जजों की पीठ में 2 जज मौत की सजा के पक्ष में रहे और एक इसके खिलाफ रहे। फैसले की इस भाषा के बाद पीठ के चीफ जस्टिस के विरोध में आवाजें उठी हैं।
पाकिस्तान की सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई का फैसला किया है और देश के अटॉर्नी-जनरल (Attorney General) अनवर मंसूर खान ने कहा है कि एक जज से इस तरह के फैसले की उम्मीद नहीं की जा सकती है। जिस तरह से जज ने फैसला सुनाया है उससे तो यही लगता है कि जज का मानसिक संतुलन बिगड़ा हुआ है। इस तरह के फैसले को सुनने के बाद सभी अचंभे में थे। किसी सैन्य प्रमुख और तानाशाह के शव को चौक पर लाकर उसे तीन दिन तक टांगे रखने के फैसले से सभी हैरान रह गए। अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर का कहना है कि जिन जजों का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है वो जज रहने के लायक नहीं है।