नई दिल्ली। पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त गौतम बंबावले के साथ हुई बदसलूकी पर भारत ने विरोध जताया है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को समन भेजा और बंबावले मामले में अपना विरोध दर्ज कराया।
बंबावले मंगलवार को कराची में एक कार्यक्रम को संबोधित करने वाले थे, लेकिन महज आधे घंटे पहले उनका कार्यक्रम बिना कारण बताए रद्द कर दिया गया था। कश्मीर पर उनकी तीखी आलोचना के बाद पाकिस्तान ने संभवत: यह कदम उठाया था।
बासित को समन
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि अब्दुल बासित को समन भेजकर उन्हें भारत सरकार की चिंताओं से अवगत कराया गया। हमने उनसे आशा जताई कि पाकिस्तान में हमारे जो राजनयिक हैं, उन्हें बिना बाधा काम करने दिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्रालय की सेक्रटरी (वेस्ट) सुजाता मेहता ने बासित को समन भेजा था।
पाक ने की थी बदसलूकी
दरअसल, कराची चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा बंबावले के इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। लेकिन कार्यक्रम से ठीक आधे घंटे पहले उन्हें जानकारी दी गई कि इसे रद्द कर दिया गया है। जब कार्यक्रम के आयोजनकर्ताओं से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने वजह बताने से इनकार कर दिया। इस कार्यक्रम का न्योता उन्हें कई हफ्ते पहले ही भेजा गया था और उसी वक्त उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया था।
उधर, भारतीय अधिकारियों का मानना है कि कश्मीर पर पाकिस्तान के खिलाफ बंबावले के बयान के कारण यह कदम उठाया गया है। भारतीय अधिकारियों ने कहा था कि आयोजनकर्ताओं की तरफ से ऐसा किया जाना काफी अपमानजनक है।
बंबावले ने पाक को खूब सुनाया था
बंबावले ने पाकिस्तान को कश्मीर के मुद्दे पर जमकर सुनाया था और उनका कार्यक्रम रद्द किया जाना इसी का नतीजा माना गया। सोमवार को कराची काउंसल ऑन फॉरेन रिलेशन्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला बताते हुए पाकिस्तान पर निशाना साधा था और कहा था कि जिनके खुद के घर शीशे के हों उन्हें दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान को कश्मीर को भूल जाना चाहिए और द्विपक्षीय व्यापार पर ध्यान देना चाहिए।
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