मामला सीधे सीधे आंध्रप्रदेश की राजनीति से जुड़ा होने के कारण जहां टीडीपी प्रस्ताव का समर्थन करने केलिए तैयार हो गई है, मगर कांग्रेस, टीएमसी सहित अन्य विपक्षी दल ऊहापोह में हैं। यह दल तय नहीं कर पा रहे हैं कि एक क्षेत्रीय मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया जाए या नहीं। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल इस प्रस्ताव पर शुक्रवार को अंतिम निर्णय लेंगे।
कांग्रेस की दुविधा का कारण
वाईएसआर कांग्रेस के इस प्रस्ताव ने कांग्रेस की दुविधा बढ़ा दी है। उसे पता है कि इस प्रस्ताव का समर्थन करने के बाद पीएनबी घोटाला मुद्दा दब जाएगा। इसके अलावा समय से पहले भाजपा को पता चल जाएगा कि किस दल का भविष्य में रुख किस प्रकार का हो सकता है। मगर चिंता का दूसरा पहलू विपक्षी एकता से जुड़ा है। कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम में जुटी है। ऐसे में इस प्रस्ताव से किनारा करने का भी उसे नुकसान उठाना होगा। ऐसे में अगर वाईएसआर कांग्रेस, टीडीपी के साथ कुछ और दल आए तो कांग्रेस प्रस्ताव का समर्थन करने पर मजबूर हो जाएगी।