फेसबुक फ्रीक हैं, तो इसके नियम-कायदे भी जानते ही होंगे। अगर नहीं, तो यह खबर जानना आपके लिए बेहद जरूरी है। दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया नेटवर्क की अपनी रूलबुक भी है। हाल में यह लीक हुई है। इसमें दी गईं गाइडलाइंस ही तय करती हैं कि साइट पर क्या कॉन्टेंट जाएगा और क्या नहीं।
आपके वे कौन से पोस्ट्स होंगे, जो डिलीट कर दिए जाएंगे। यह जानकारी ब्रिटिश वेबसाइट ‘द गार्जियन’ ने जारी की है। दुनिया के सामने पहली बार इस तरह की चीजें आने से एक बार फिर फेसबुक के एथिक्स से जुड़ी बहस खड़ी हो गई है। फेसबुक हिंसा, भड़काऊ भाषण, आतंकवाद, पॉर्नोग्राफी, नस्लवाद और खुद को नुकसान पहुंचाने जैसे मसलों से जुड़े कॉन्टेंट को मॉडरेट करता है। यहां तक कि मैच फिक्सिंग और इंसान का मांस खाने से जुड़े कॉन्टेंट को लेकर भी गाइडलाइंस हैं।
फेसबुक कर्मचारियों को रिवेंज पॉन जैसी चुनौतियां खासा सताती हैं। इसके हाई लेवेल में लोगों की न्यूड और सेमी न्यूड फोटोज़ होती हैं। चूंकि कम समय में उन्हें कॉन्टेंट को लेकर फैसला लेना होता है। कई बार काम इतना ज्यादा होता है कि मॉडरेटर्स को सिर्फ 10 मिनट ही कॉन्टेंट को लेकर फैसला करने के लिए मिलते हैं। सूत्रों की मानें तो फेसबुक का अपने ही कॉन्टेंट पर कंट्रोल नहीं है। वह बेहद कम समय में काफी बढ़ चुका है। तथ्य बताते हैं कि फेसबुक के पास फेक (नकली) अकाउंट्स से जुड़ी साढ़े छह मिलियन रिपोर्ट्स एक हफ्ते में आती हैं। उन्हें फेक, नॉट रियल पर्सन (एफएनआरपी) भी कहा जाता है।
रूलबुकः एक नजर में
– अमेरिकी राष्ट्रपति ‘डोनाल्ड ट्रंप को कोई गोली मार दे’ जैसी टिप्पणियां को डिलीट किया जाए। चूंकि किसी देश का मुखिया या सबसे सम्मानित और अहम व्यक्ति प्रोटेक्टेट कैटेगिरी में होता है।
– वीभत्स हत्याओं के वीडियो डिसटर्बिंग एलिमेंट्स के तौर पर माने जाएंगे। जरूरी नहीं उन्हें हर बार डिलीट किया जाए।
– नॉन सेक्सुअल फिजिकल अब्यूज़ और बच्चों को परेशान करने वाली तस्वीरें भी नहीं डिलीट की जाएंगी।
-एनिमल अब्यूज़ वाली फोटोज़ शेयर की जा सकेंगी।
– नग्नता और सेक्सुअल एक्टिविटी को बढ़ावा देने वाली हैंडमेड आर्ट मान्य तो होगी, लेकिन डिजिटल वाली पर लगाम लगेगी।
-अबॉर्शन के वीडियोज़ मान्य होंगे।
– लोगों के खुद को नुकसान पहुंचाने वाले लाइव स्ट्रीम वीडियोज़ पोस्ट करने दिए जाएंगे।
– एक लाख से अधिक फॉलोअर्स होने पर उस व्यक्ति को पब्लिक फिगर माना जाएगा।