पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर आदिवासियों और पिछड़े वर्ग के लोगों को लुभाने की होड़ मच गई है. मंगलवार को बोलपुर में पदयात्रा करने के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अचानक बीरभूम जिले के वल्लभपुर के आदिवासी बहुल डांगर गांव पहुंच गईं. डांगर में आदिवासी परिवार, महिलाओं, इलाके के लोगों और दुकानदारों से बातचीत कीं. लोगों की शिकायतें सुनीं और उनके समाधान का निर्देश दिया.
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लोगों से मुलाकात के दौरान ममता बनर्जी एक ग्रामीण होटल में पहुंच गईं. दुकानदार से बातचीत कीं और उनके साथ सब्जी बनाने में हाथ बंटाया. सीएम के अचानक अपने बीच पाकर आदिवासी ग्रामीण काफी उत्साहित दिखें.
बता दें कि पश्चिम बंगाल के चुनाव में आदिवासी वोट काफी मायने रखता है. हाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बंगाल दौरे के दौरान न केवल आदिवासी गांव का दौरा किया था, वरन आदिवासी परिवार के घर जाकर लंच भी किया था, हालांकि टीएमसी ने उनके आदिवासी घर में लंच पर जमकर कटाक्ष करते हुए कहा था कि फाइव स्टार होटल से खाना बनाकर लाया गया था.
सीएम ममता बनर्जी का आज बीरभूम से कोलकाता लौटना था. कोलकाता लौटने के पहले लगभग दोपहर एक बजे अचानक वह बीरभूम जिले के वल्लभपुर के डांगर गांव में पहुंच गईं. उनके गांव पहुंचने की सूचना से पूरे गांव में हलचल मच गई और लोग उनके आसपास इकट्ठे होने लगे. सीएम भी उनसे बातचीत करने लगीं. उन्होंने राज्य सरकार की योजनाओं ‘द्वारेसरकार,’ ‘स्वास्थ्य साथी’आदि के बारे में बताया और लोगों से कहा कि वे जाकर अपना कार्ड बना लें.
आदिवासियों ने शिकायत की कि इस गांव में लगभग 125 घर हैं, लेकिन एक भी शौचालय नहीं है. इससे क्षुब्ध सीएम ने डीएम को तत्काल निर्देश दिया कि वे कल से ही शौचालल निर्माण का काम शुरू करें. इसी दौरान सीएम गांव के एक छोटे से ग्रामीण होटल में पहुंच गईं और वहां उन्होंने दुकानदार के साथ सब्जी बनाने में हाथ बंटाया. बता दें कि इसके पहले भी लोकसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी एक चाय की दुकान पर पहुंचीं थी और खुद चाय बनाकर पी थीं.