New Delhi: एक RTI कार्यकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के नए पशु वध कानून के खिलाफ याचिका दायर की, जिसमें नए कानून को लेकर कोर्ट ने केंद्र सरकार से कई सवाल पूछे सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक RTI कार्यकर्ता ने याचिका दायर की, याचिकाकर्ता ने RTI से मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार का नया पशु वध कानून जिसके तहत केंद्र सरकार ने वध के लिए पशु बाजारों में मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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और पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम के तहत सख्त पशु क्रूरता निरोधक नियम 2017 को अधिसूचित किया है। इस कानून को सरकार ने अधिसूचना के लिए संसद में नहीं रखा था ।
याचिकाकर्ता शभु स्टेफन के वकील वी.के. बीजू ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि केंद्र सरकार को कोई भी कानून अमल में लाने से पहले उसे संसद में रखना अनिवार्य है । मामले की सुनवाई सु्प्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच कर रही है ।
बेंच में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश जे.एस.खेहर और डी.एवाई चंद्रचूड़ मामले की सुनवाई कर रहे हैं । याचिकाकर्ता शभु स्टेफन के वकील वी.के. बीजू ने कोर्ट में कहा कि मद्रास हाईकोर्ट की मुदरै बेंच में इस मामले पर रोक लगाई थी, जबकि यह कानून 11 जुलाई से देशभर में लागू कर दिया गया है ।
याचिकाकर्ता के वकील ने RTI के जरिए जो जानकारी लोकसभा सचिवालय से मिली थी, वो कॉपी भी सुप्रीम कोर्ट में जमा की। सचिवालय से जानकारी 27 जुलाई को दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल पी.एस. नरसिम्हा से कहा कि- जब कोई भी कानून बनाने से पहले सभी नियमों का पालन करने की जरूरत होती है, तो संसद में प्रस्ताव रखने से पहले ही इस कानून की अधिसूचना कैसे जारी कर दी गई । जवाब में नरसिम्हा ने कहा कि वे सरकार से मिले निर्देशों के अनुसार अगली सुनवाई में कोर्ट को बताएंगे।
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