ईरान द्वारा दोबारा परमाणु कार्यक्रम शुरू करने की धमकी देने के बाद यूरोपी संघ परमाणु समझौते को बचाने की कोशिशों में तेजी से जुट गया है। ब्रिटेन ने चेताया है कि समझौते को बचाने के मौके कम होते जा रहे हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने सोमवार को कहा कि मध्य पूर्व में तनाव कम करने के लिए वह इस हफ्ते ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात करेंगे। यूरोपीय संघ पर दबाव बढ़ाते हुए ईरान ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी प्रतिबंधों से उसे राहत दिलाने के लिए वह ठोस उपाय करे। ऐसा नहीं होने पर वह 2015 के समझौते से पहले के अपने परमाणु कार्यक्रम को शुरू कर देगा।

अमेरिका और ईरान के बीच तनाव का दौर गत वर्ष मई में उस समय शुरू हुआ, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु करार से हटने का एलान कर दिया था। इसके बाद उन्होंने ईरान पर कई प्रतिबंध थोप दिए। ईरान ने 2015 में अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन और जर्मनी के साथ परमाणु करार किया था। ईरान से खतरे को देखते हुए अमेरिका ने पश्चिमी एशिया में अपने विमानवाहक पोत और बमवर्षक विमान तैनात किए हैं। ईरान ने हाल में कहा था कि उसने परमाणु करार का उल्लंघन करते हुए यूरेनियम संवर्धन बढ़ा दिया है।

ईरानी विदेश मंत्री को अमेरिका ने सशर्त दिया वीजा
अमेरिका ने ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ को अपने यहां आने के लिए सशर्त वीजा जारी कर दिया है। जरीफ सोमवार को अमेरिका रवाना हो रहे हैं। वीजा शर्तों के मुताबिक जरीफ अमेरिका प्रवास के दौरान संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन के छह ब्लॉक से आगे नहीं जा सकेंगे। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा कि अमेरिकी राजनयिकों को ईरान में कहीं भी आने-जाने की आजादी नहीं है। इसलिए ईरानी राजनयिकों को न्यूयॉर्क शहर में घुमने की इजाजत देने का कोई कारण नजर नहीं आता।
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