राजस्थान के चित्तौड़ गढ़ के पद्मिनी महल में रविवार को अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मिनी के प्रेम प्रसंग की कहानी का कथित हिस्सा बताए जाने वाले आईनों (कांच) को करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने फोड़ डाला.
यह कांच महल के गोलाकार कक्ष में लगे थे और टूरिस्ट गाइड इन्हे पर्यटकों को खिलजी-पद्मिनी प्रेम प्रसंग के सबूत के तौर पर दिखाते थे. पर्यटकों को कहा जाता था कि इन्हीं कांचों में खिलजी को पद्मिनी की सूरत दिखाई गई थी.
करणी सेना ने कांचों को फोड़ने की जिम्मेदारी कबूल की है. सेना के कार्यकर्ता सहदेवसिंह नारेला की ओर से कहा गया है कि उनके नेतृत्व में ही कांच तोड़े गए हैं. उन्होंने कहा कि 20 दिन पहले इस बारे में पुरातत्व विभाग को लिखित में चेतावनी दी जा चुकी थी लेकिन उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया और मजबूरन उन्हें यह कदम उठाना पड़ा.
पुरातत्व विभाग ने कहा- किसने फोड़े पता नहीं?
पुरातत्व विभाग से जब इस विषय में बात की गई तो जवाब मिला कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है कि कांच किसने तोड़े. फोर्ट के कार्यवाहक संरक्षण सहायक प्रेमचंद शर्मा के अनुसार विभाग की ओर से कोतवाली थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है.
पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई की कही बात
चित्तौड़गढ़ पुलिस ने मामला दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है. गढ़ चौकी के प्रभारी भूर सिंह ने कहा है कि अज्ञात लोगों की इस तोड़ फोड़ की जांच की जाएगी. जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
क्या है पूरा मामला?
फिल्म ‘पद्मावती’ में जिस मुगल शासक और रानी पद्मिनी के प्रेम प्रसंग के जिक्र को लेकर फिल्मकार संजय लीला भंसाली के साथ मारपीट की गई… उसी किस्से को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग बरसों से पर्यटकों को परोसता रहा है. चित्तौड़गढ़ किले में स्थित पद्मिनी महल के बाहर पत्थर पर इसका उल्लेख भी किया गया है. यही नहीं टूरिस्ट गाइड इस किस्से को सच बताते हुए पर्यटकों को उन शीशों से भी रूबरू कराते हैं जिनसे खिलजी ने पद्मिनी की झलक देखी थी.
करणी सेना ने दिया था 7 दिन का अल्टीमेटम
भंसाली के साथ फिल्म ‘पद्मावती’ के सेट पर जयपुर में मारपीट के बाद अब राजपूत करणी सेना ने अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मिनी प्रसंग काे लेकर अब पुरातत्व विभाग को पिछले महीने चेतावनी दी थी. मेवाड़ के गौरवपूर्ण इतिहास के साथ छेड़छाड़ बंद करने की मांग करते हुए करणी सेना ने पद्मिनी महल से कई चीजें हटाने के लिए 13 फरवरी को लिखित में अल्टीमेटम दिया था.