फिल्म पद्मावत पर सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी के बावजूद इसके विरोध में खड़ी राज्य सरकारें कानूनी लड़ाई के मूड में हैं. राजस्थान सरकार ने गृह और कानून मंत्रालय के अधिकारियों की एक टीम बनाई है, जो सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के विकल्पों पर विचार कर रही है.
वसुंधरा सरकार की यह टीम दिल्ली भेजी गई है, जहां विचार विमर्श के बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकती है. राज्य के कानून मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि अधिकारियों की टीम अध्ययन कर रही है, जिसके बाद चुनौती के विकल्पों पर विचार होगा.
वहीं अजमेर पहुंची मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से जब राजपूत समाज के लोगों ने पद्मावत फिल्म पर बैन लगाने की मांग की तो वसुंधरा राजे ने पहले से ही बैन लागू करने की दलील दी. सीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद हम विचार कर रहे हैं कि किस तरह से फिल्म को रोका जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 4 राज्यों में फिल्म पर लगाया गया बैन असंवैधानिक है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की बेंच ने कहा है कि राज्यों में कानून व्यवस्था बनाना राज्यों की जिम्मेदारी है. यह राज्यों का संवैधानिक दायित्व है. संविधान के आर्टिकल-21 के तहत लोगों को जीवन जीने और स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है. बेंच ने राज्यों के नोटिफिकेशन को गलत बताया.
रणवीर, दीपिका, शाहिद कपूर स्टारर ये फिल्म राजपूत समुदाय के विरोध के बाद से ही विवादों में है. हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की सरकारों ने फिल्म के प्रदर्शन पर बैन लगाया था.