उर्दू के प्रख्यात साहित्यकार पद्मश्री प्रोफेसर काजी अब्दुल सत्तार का रविवार रात उपचार के दौरान दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे और पिछले डेढ़ महीने से अस्पताल में भर्ती थे।
एएमयू के उर्दू विभाग से सेवानिवृत्त हुए प्रोफेसर काजी अब्दुल सत्तार के निधन की खबर से साहित्यकारों में शोक की लहर दौड़ गई है। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद में 1933 में उनका जन्म हुआ था।
उन्होंने शिकस्त की आवाज, मज्जू भैया, गुबार ए शाब, सलाहुद्दीन अयूबी, दारा शिकोह, गालिब, हजरत जान पीतल का घंटा, बादल जैसे उपन्यासों की रचना की है। उन्हें 1974 में पदम श्री अवार्ड से सम्मानित किया गया था। उनका अंतिम संस्कार अलीगढ़ में किया जाएगा।
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