पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित दिग्गज नृत्य इतिहासकार और आलोचक सुनील कोठारी का निधन

पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित दिग्गज नृत्य इतिहासकार और आलोचक सुनील कोठारी का निधन हो गया है. बताया जा रहा है कि, सुनील कोठारी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हुआ है. वो 87 साल के थे. आज सुबह ही दिल्ली के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया. जानकारी के मुताबिक, पिछले महीने ही सुनील कोठारी कोरोना संक्रमित पाए गए थे.

सुनील कोठारी के पारिवारिक सदस्य और डांसर विधा लाल ने बताया कि तकरीबन एक महीने पहले ही सुनील कोठारी कोरोना पॉजिटीव पाए गए थे और इसकी वजह से वो अच्छी स्तिति में नहीं थे. वो एशियन विलेज में स्थित अपने आवास पर ही ट्रीटमेंट करा रहे थे लेकिन दिल का दौरा पड़ने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका निधन हो गया.

सुनील कोठारी का जन्म 20 दिसंबर 1933 को मुंबई में हुआ था. उन्होंने सीए की पढ़ाई की थी लेकिन बाद में वो भारतीय डांस फ़र्म की पढ़ाई करने लगे. उन्होंने अपने जीवन काल में 20 से ज्यादा किताबें लिखी थीं, जो कि मुख्य रूप से असम के सत्रीय डांस, आधुनिक भारतीय डांस, भरतनाट्यम, ओडीशी, छाकू, कुच्चीपुड़ी, फोटो बायोग्राफी ऑफ उदय शंकर और रुक्मणि अरुंडले पर आधारित हैं.

सुनील कोठारी को कई सारे अवॉर्ड और सम्मान हासिल हैं. उन्हें संगीत नाटक अकादमी, गुजरात संगीत नाटक अकादमी की तरफ से गौरव पुरस्कार, साल 2001 में भारत सरकार के जरिए पद्मश्री अवॉर्ड, न्यूयॉर्क की डांस क्रिटिक असोसिएशन के जरिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, सुनील कोठारी उन 27 कलाकारों में शामिल थे जिन्हें सरकार की तरफ से नवंबर महीने में 31 दिसंबर तक सरकारी आवास खाली करने का नोटिस दिया गया था. इस नोटिस पर सुनील कोठारी ने कहा था कि घर से निकल जाने के इस नोटिस से वो अपमानित सा महसूस कर रहे हैं.

मैं पद्मश्री और संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड से सम्मानित हूं. मैंने कई किताबें भारतीय क्लासिकल डांस पर लिखी हैं, इन सबके बदले में सरकार ने मुझे ये दिया है. इस उम्र में मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं. मैं इसे गेट आउट नोटिस मानता हूं, जिस घर में मैं 20 साल से रह रहा हूं वहां से मुझे निकल जाने के लिए कहा गया है.

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