पत्‍नी की हत्‍या करने के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी ने की आत्महत्या, बच्चों की गवाही से था परेशान

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हरसुल सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास के सजायाफ्ता 37 वर्षीय कैदी सलुजी यादव मगारे ने आत्महत्या कर ली। जेल के सुपरिटेंडेंट हीरा लाल जाधव के अनुसार सलूजी यादव ने रविवार को फटे हुए कंबल का प्रयोग कर जेल के शौचालय में लगे एग्जॉस्ट फैन से लटककर आत्महत्या कर ली। जालना जिले के पास ठाकुरवाड़ी का रहने वाला सलुजी यादव को पत्नी की हत्या करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा हो गयी थी। वह 23 जनवरी, 2015 से वह औरंगाबाद की हरसूल जेल में बंद था।

जेल अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार उसने रविवार को फटे कंबल के टुकड़े का इस्तेमाल कर शौचालय में लगे एग्जॉस्ट फैन से खुद को फांसी लगा ली थी। जब काफी देर तक वह शौचालय से बाहर नहीं आया तो जेल के एक कर्मचारी ने उसे पंखे से लटका हुआ देखा। इसके बाद उस कर्मचारी ने जेल अधिकारी को इसकी सूचना दी। जिसके बाद उसे वहां से नीचे उतारा गया और डॉक्टर से चेकअप करवाया गया। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

इस मामले में जेल अधिकारी को निलंबित कर दिया गया और घटना की जांच चल रही है। परिवार के सदस्यों से बातचीत से पता चला कि जब 8-10 दिन पहले उससे मिलने आये थे तो उसने बताया था कि हत्या के मामले में उसके अपने बच्चे गवाह बने थे जिससे वह काफी परेशान था। ये बात सुनकर उसके भाई ने सांत्वना दी थी कहा था कि उसकी सजा दस साल में खत्म हो जाएगी। इसके बाद उसका भाई जेल के अधिकारियों से भी मिला था और उन्‍हें इस बारे में बताया था, जेल के अधिकारियों ने उसके लिए काउंसलर का प्रबंध करने के लिए भी कहा था।

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