जिले में पत्थर खदान के 28 नए पट्टे होंगे। यमुनापार के मेजा और बारा क्षेत्र में ये पट्टे होंगे। इससे लगभग 500 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जाएंगे। वहीं गिट्टी के दाम भी कम होने के आसार हैैं। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैैं। जिला प्रशासन व खनन विभाग की ओर से पट्टा आवंटन के लिए ईं-टेंडर की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
50 से ज्यादा क्रशर प्लांट स्थापित किए गए हैैं
मेजा, मांडा, कोरांव, बारा व शंकरगढ़ क्षेत्र में 54 पत्थर खदान के अभी पट्टे हैैं। इन खदानों में गिट्टी व पत्थर खनन कराए जाते हैैं। इन स्थानों पर 50 से ज्यादा क्रशर प्लांट स्थापित किए गए हैैं। जिला प्रशासन अब 28 नए स्थानों पर पत्थर खदान का पट्टा करने जा रहा है। मेजा के भटौती में एक, धरावल में पांच, बंगलिया पहाड़ी पर आठ, सिरोमनपुर में एक, वीरपुर में दो, कुलपतपुर में एक, केवलपुर में दो, गुडगवां में एक तथा बारा में परवेजाबाद में तीन, जनवां, असवा, धरा, छतहरा घुरेहठा में एक-एक पट्टे दिए जाएंगे।
बोले डीएम, ई-टेंडर से ही ये पट्टे आवंटित किए जा सकेंगे
डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने बताया कि ई-टेंडर से ही ये पट्टे आवंटित किए जा सकेंगे। जिला खनन अधिकारी ने बताया कि वन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र मिल गए हैैं। ये पट्टे 10 से 20 वर्ष के लिए होंगे। इससे हर साल सरकारी खजाने में लगभग सात करोड़ रुपये सिर्फ खदानों से मिलेंगे। रवन्ना और परिवहन से भी करोड़ों का राजस्व सरकार को मिलेगा। इन स्थानों पर भी क्रशर प्लांट स्थापित होंगे, जिससे भी सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी। इस प्रकार से सरकार को कुल लगभग पांच सौ करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकेगा।
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