निर्भया के गुनहगार पवन कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पवन कुमार की क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दोषी अक्षय और पवन की तरफ से लगाई गई याचिका को पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दिया.

इस बीच दोषी पवन के वकील एपी सिंह एक बार फिर पटियाला हाउस कोर्ट पहुंच गए हैं और उनका कहना है कि डेथ वारंट पर रोक लगनी चाहिए, क्योंकि पवन ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई है. राष्ट्रपति के पास याचिका लंबित है, इसलिए कोर्ट ने यह फैसला किया है.
कोर्ट को तिहाड़ जेल प्रशासन ने यह सूचना दे दी है कि पवन गुप्ता ने राष्ट्रपति के पास याचिका भेज दी है. डीजी ने जेल ने कोर्ट से कहा है कि पवन जल्लाद ने दोषियों की लटकाने की डमी प्रैक्टिस कर ली है. वह मंगलवार सुबह दोषियों को लटकाने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
पटियाला हाऊस कोर्ट के जज ने पूछा कि किस नियम में लिखा है कि आप क्यूरेटिव पिटीशन से पहले दया याचिका नहीं दायर कर सकते हैं. इसका जवाब देते हुए दोषी के वकील पवन के वकील एपी सिंह जेल मेन्युअल पढ़ा. निर्भया के माता- पिता के वकील ने कहा कि दोषी पवन की अर्जी खारिज होनी चाहिए. वहीं, सरकारी वकील ने कहा कि पवन की याचिका अपरिपक्व है, इसलिए खारिज होनी चाहिए.
पवन कुमार ही एक मात्र दोषी है, जिसके पास कुछ कानूनी विकल्प बचा था. इसमें क्यूरेटिव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने आज खारिज कर दिया. अब केवल दया याचिका का ऑप्शन बचा है. पवन के वकील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि हमने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर कर दी है.
सुप्रीम कोर्ट में दोषी पवन ने याचिका दाखिल की थी. सोमवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस एन. वी. रमन्ना की अगुवाई में जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस नरीमन, जस्टिस भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच चैंबर में की. बेंच ने पवन की याचिका को खारिज कर दिया. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट निर्भया के तीन दोषियों यानी अक्षय, विनय और मुकेश की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज कर चुका है.
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