पटना में हरिलाल वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड और अंशुल होम्स के ठिकानों पर आयकर का छापा

पटना: आयकर विभाग ने बुधवार को बिहार की राजधानी पटना में मौजूद रियल एस्टेट कंपनी अंशुल होम्स प्राइवेट लिमिटेड और पटना की मशहूर मिठाई की दुकान एवं मशहूर ब्रांड हरिलाल वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के कई ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की है। आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि पटना में मिठाई दुकान के मशहूर ब्रांड हरिलाल वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के ठिकानों और अंशुल होम्स प्राइवेट लिमिटेड के परिसरों पर छापेमारी की गई है। इस दौरान कई टीमों ने व्यापक तलाशी ली है जिसमें बड़े पैमाने पर कर चोरी का पता चला है।

हरिलाल वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के 14 ठिकानों पर छापेमारी
सूत्रों ने बताया कि पटना में मिठाई की दुकान के मशहूर ब्रांड हरिलाल के 14 ठिकानों पर छापेमारी की गई है। अमित मनकानी, संदीप मनकानी और परिवार के अन्य सदस्य हरिलाल वेंचर्स पटना में 11 मिठाई की दुकानें, होटल, फाइन डाइन रेस्टोरेंट और एक इवेंट मैनेजमेंट व्यवसाय, सुगंध इवेंट्स संचालित करते हैं।

कंपनी के लगभग 100 करोड़ के वार्षिक कारोबार के बावजूद आईटीआर में टीडीएस और स्व-मूल्यांकन विवरण का गलत दावा करके कर चोरी में लिप्त पाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप 19 करोड़ रुपए का कर बकाया है। वहीं, कंपनी ने विभिन्न पक्षों से असुरक्षित ऋण लिया है, फर्जी ऋणदाताओं का पंजीकरण कराया है तथा शुद्ध लाभ को कम करने के लिए संबंधित पक्षों के साथ लेनदेन किया है।

अंशुल होम्स प्राइवेट लिमिटेड के सात परिसरों पर डाली रेड
दूसरी ओर, पटना की एक प्रमुख कंस्ट्रक्शन और रियल एस्टेट कंपनी अंशुल होम्स प्राइवेट लिमिटेड के सात परिसरों पर छापेमारी की गई है। कंपनी के दो प्रोजेक्ट एचटूओ सिटी और सेवन प्लैनेट चल रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक में लगभग 200 फ्लैट/यूनिट हैं। इन बड़ी परियोजनाओं के बावजूद, यह पाया गया है कि अंशुल होम्स ने करों की चोरी की है और अपनी पुस्तकों में महत्वपूर्ण फर्जी खरीद दर्ज की है।

यह पुष्टि की गई है कि कंपनी फ्लैटों की बिक्री के लिए नकद/ऑन मनी स्वीकार कर रही है और नकद में बेहिसाब खर्च दर्ज कर रही है। कंपनी के निदेशक और प्रमोटर राहुल कुमार, विनोद कुमार सिंह, भावना और संदेश कुमार 2014 में इसके गठन के बाद से ही इसके प्रमुख पद पर हैं।

जांच ‘ऑपरेशन संगम’ का हिस्सा
सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग की यह जांच टैक्स (कर) चोरी करने वाले लोगों खिलाफ चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन संगम’ का हिस्सा है जो कोई कर नहीं चुका रहे हैं और आदतन ऐसा कर रहे हैं। इसके अलावा, जांच विभाग ने राज्य और केंद्र सरकार और पीएसयू के वेतनभोगी कर्मचारियों की भी पहचान की है जो गलत दावों के आधार पर रिफंड का दावा करते हैं। बिहार झारखंड के 2000 से अधिक ऐसे मामले मिले हैं।

‘ऑपरेशन संगम’ के तहत आयकर विभाग ने पाया कि हरिलाल समूह से जुड़े दो भाई अमित और संदीप मनकानी, उनकी पत्नी और मां ने पिछले तीन वर्षों से 10 करोड़ से अधिक के सहमत स्व-मूल्यांकन कर सहित नियमित करों का भुगतान नहीं किया था।

उन्होंने अपने रिटर्न में भुगतान किए गए स्व-मूल्यांकन कर का फर्जी चालान नंबर देकर इन 3 वर्षों के लिए अपना आयकर रिटर्न दाखिल किया, टीडीएस कटौती का झूठा दावा किया और निर्धारित दर पर टीडीएस काटे बिना सभी 5 परिवार के सदस्यों को भारी वेतन का भुगतान किया। इसे लेकर आयकर विभाग ने उन्हें आगाह भी किया। हालांकि, उन्होंने इस चेतावनी को बहुत हल्के में लिया और 10 करोड़ रुपये से अधिक के बकाया कर के मुकाबले 65 लाख रुपये का कर चुकाया।

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