पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में शुक्रवार को दोपहर में उस समय अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई, जब मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला पीएमसीएच के अधीक्षक की कुर्सी पर बैठ गई। वर्तमान में अधीक्षक छुट्टी पर हैं और उनकी कुर्सी खाली थी। जब कर्मचारियों ने अचानक कुर्सी पर एक महिला को बैठी देखा, तो सभी के हाथ-पांव फूल गए। कर्मचारियों ने उसका परिचय पूछा तो नाम प्रतिमा बताते हुए कहा कि अब मैं ही अधीक्षक हूं।

सूचना जब उपाधीक्षक डॉ. रंजीत कुमार जैमियार को मिली तो वह भी अधीक्षक चैंबर में पहुंचे। उन्हीं के पास अधीक्षक का प्रभार है। उन्होंने महिला से परिचय पूछा तो उसने तपाक से कहा, तुम कौन हो? बताया कि मैं उपाधीक्षक हूं, तो महिला ने कहा, तुम उपाधीक्षक हो तो अपना काम करो।
उन्होंने कहा कि यह अधीक्षक की कुर्सी है, तो महिला ने कहा कि मैं ही अधीक्षक हूं। इसके बाद उपाधीक्षक ने महिला से पत्र मांगा तो उसने कहा कि बाद में मिल जाएगा। इसके बाद अस्पताल कर्मियों को समझते देर नहीं लगी कि यह मेंटल केस है। इसके बाद उपाधीक्षक ने तत्काल पुलिस बुलाई और महिला को कार्यालय से बाहर कराया, इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने राहत की सांस ली।
पीएमसीएच की सुरक्षा पर उठे सवाल
अधीक्षक कार्यालय से महिला तो बाहर चली गई, लेकिन कई सवाल छोड़ गई। पीएमसीएच में अधीक्षक का कार्यालय काफी महत्वपूर्ण है। अधीक्षक प्राचार्य के बाद पीएमसीएच का दूसरा सबसे बड़ा अधिकारी होता है। उनके कार्यालय में दोनों गेट पर सुरक्षागार्ड तैनात रहते हैं। इसके अलावा कई चतुर्थवर्गीय कर्मी भी हैं।
सवाल उठता है कि इसके बाद भी महिला अधीक्षक की कुर्सी तक कैसे पहुंच गई? उसे किसी ने रोका क्यों नहीं? जब अधीक्षक कार्यालय में नहीं थे, तो एक अनजान महिला कमरे में कैसे प्रवेश कर गई? घटना से एक बात स्पष्ट हो गई कि अधीक्षक के नहीं रहने पर पूरा कार्यालय लावारिस हो जाता है।
200 सुरक्षा गार्ड हैं तैनात
पीएमसीएच की सुरक्षा में वर्तमान में लगभग 200 निजी व सरकारी सुरक्षा गार्ड तैनात हैं। इसके बावजूद सुरक्षा में सेंध लग ही जाती है। कभी इमरजेंसी में मरीजों व डॉक्टरों के बीच मारपीट होती है तो कभी दवाओं की चोरी। यही नहीं इतनी वृहद स्तर पर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद दलाल अस्पताल से ही मरीजों को अपने कब्जे में ले लेते हैं।
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