पटना: उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना को लेकर बैठक

बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में आज उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना की प्रगति की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह परियोजना ₹1367.61 करोड़ की लागत से झारखंड और बिहार के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर-राज्यीय सिंचाई और जल संसाधन परियोजना है, जो मुख्य रूप से बिहार के गया जी और औरंगाबाद जिलों में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सिंचाई सुविधाएँ प्रदान करने के उद्देश्य से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

मुख्य सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समय-समय पर इस महत्वपूर्ण परियोजना की प्रगति की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने परियोजना से संबंधित भू-अर्जन के कार्य को 15 दिसंबर 2025 से पहले हर हाल में समाप्त करने का कड़ा निर्देश दिया। उन्होंने वित्त विभाग को निर्देश दिया कि भू-अर्जन के लिए भुगतान करने में आ रही दिक्कतों का तुरंत निष्पादन करें ताकि कार्य में किसी भी प्रकार की रुकावट न आए।

जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि परियोजना का संयुक्त निरीक्षण किया जा चुका है और पोल शिफ्टिंग का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट पटना सामाजिक प्रभाव आकलन सहित सभी संबंधित कार्यों के लिए ससमय भुगतान कर दिया गया है। उन्होंने भू-अर्जन की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि औरंगाबाद जिला में 41.251 हेक्टेयर के लक्ष्य के विरुद्ध 27.080 हेक्टेयर जमीन प्राप्त कर ली गई है। गया जी जिला में 96.749 हेक्टेयर के लक्ष्य के विरुद्ध 5.350 हेक्टेयर जमीन प्राप्त की गई है।

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