बढ़ती गर्मी में जंगलों में आग लगने का खतरा बना हुआ है। वन विभाग वनाग्रि रोकने के लिए गोष्ठियों के जरिए ग्रामीणों से सहयोग की अपील कर रहा है। बैलपड़ाव गांव में जंगल में आग लगा रहे एक ग्रामीण के मंसूबों को वन विभाग ने विफल कर दिया। आग लगाते हुए तत्काल आरोपित रंगे हाथ पकड़ा गया। वन कर्मियों ने आरोपित को तत्काल गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।

तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अंतर्गत बैलपड़ाव रेंज के खेमपुर गैबुआ बीट प्लाट एन 1 दाबका नदी में एक व्यक्ति को तड़के टीम के साथ गश्त कर रहे रेंजर संतोष पंत ने आग लगाने के दौरान पकड़ लिया। वन कर्मियों की सक्रियता से आग फैलने से पहले ही बुझा ली गई। तलाशी के दौरान आरोपित के पास से एक माचिस व एक लाइटर बरामद किया गया। पूछताछ में उसने अपना नाम खेमपुर गैबुआ गांव निवासी कमलापति सती बताया। रेंजर संतोष पंत ने कार्यालय लाकर आरोपित से पूछताछ की।
कालाढूंगी थाने में आरोपित के खिलाफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट 1984 व भारतीय वन अधिनियम 1927 व भारतीय दंड संहिता की धाराओं में अपराध पंजीकृत कर जेल भेजा जा रहा है। रेंजर पंत ने बताया कि उनकी टीम सुबह, शाम व दिन में जंगल व गांव से सटे नजदीकी क्षेत्रों में गश्त कर जंगल में आग लगाने वाले आराजक तत्वों पर नजर रख रही है।
उत्तराखंड में गर्मी के सीजन में जंगलों में आग की घटनाएं हर साल होती है। नमी की मात्रा, पिरूल के अलावा शरारती तत्वों द्वारा आग की घटना अंजाम दी जाती है। इसके लिए वन विभाग समय-समय पर जारूकता अभियान भी चलाता है। पर अराजक तत्व मानते नहीं है। गर्मी में वन विभाग भी इनसे निपटने के लिए चौकन्ना रहता है। इसी क्रम में रामनगर में शुक्रवार को आग लगाते पकड़ा गया है। अधिकारियों ने कर्मियों को मुस्तैद रहने को कहा है।
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