माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की कस्टडी हस्तांतरण को लेकर पंजाब सरकार ने यूपी सरकार को चिट्ठी लिखी है। कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि मुख्तार अंसारी को सीधे बांदा जेल भेजा जाएगा।
पंजाब के अपर मुख्य सचिव गृह ने यूपी के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को लिखे पत्र में कहा है कि 8 अप्रैल से पहले मुख्तार अंसारी को हैंडओवर कर लें। 12 अप्रैल को पंजाब में होने वाली सुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्तार को पेश करना होगा।
पंजाब के अपर मुख्य सचिव गृह ने मुख्तार अंसारी के स्वास्थ्य कारणों का भी हवाला दिया है। उसे यूपी स्थानांतरित करने के लिए विधिवत सुरक्षा और मेडिकल व्यवस्थाएं कराने को कहा है साथ ही शिफ्टिंग के लिए वाहन का बंदोबस्त करते समय अंसारी की मेडिकल रिपोर्ट्स का ध्यान रखने को भी कहा है।
वहीं, मुख्तार अंसारी की सेवा में लगी एंबुलेंस पंजीकरण में फर्जी दस्तावेजों की पुष्टि के बाद दर्ज किए गए केस की विवेचना के लिए बाराबंकी से मऊ और पंजाब के लिए टीमें भेजी गई हैं। पुलिस की ये टीम मऊ में डॉ. अलका राय से पूछताछ कर सकती है। तो पंजाब में माफिया से मिलने वालों की जानकारी एंबुलेंस और चालक को कब्जे में लेकर जानकारी जुटाएगी।
स्थानीय लोगों से मुख्तार के रिश्तों को खंगाला जा रहा है। फर्जी वोटर कार्ड बनवाने से लेकर पंजीकरण कराने तक सरकारी अमले की क्या भूमिका रही है, इस पर भी पुलिस की नजर है।
पंजाब की रोपड़ जेल से पेशी पर माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को ले जाने के लिए निजी एंबुलेंस का प्रयोग किया गया था। जांच के दौरान पंजीकरण कराने में जिन दस्तावेजों का प्रयोग किया गया वह सब फर्जी पाए गए। एआरटीओ प्रशासन और एसडीएम की जांच में वोटर आईडी कार्ड बनाने से लेकर दर्ज पता फर्जी निकला।
जिस पर एआरटीओ की तरफ से मऊ जिले के श्याम संजीवनी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की डॉ. अलका राय व अन्य अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का केस शुक्रवार को नगर कोतवाली बाराबंकी में दर्ज कराया गया था। शनिवार को बाराबंकी से दो पुलिस टीमें जांच के लिए पंजाब और मऊ जिले को रवाना की गईं।