पंजाब की जेलों पर आतंकी खतरा है। आतंकियों की नजर पंजाब और जम्मू-कश्मीर की जेलों पर है। ऐसे में राज्य में बड़े आतंकर वारदात का खतरा बढ़ गया है। भारत-पाकिस्तान सीमा पर घुसपैठ करने वालों को गिरफ्तार कर पंजाब एवं जम्मू-कश्मीर की जेलों में रखा जाता है।
पकड़े गए अधिकतर घुसपैठिये आतंकी गतिविधियां करने के इरादे आते हैं। ऐसे में आतंकी उनको छुड़ाने के लिए साजिश रच सकते हैं। इस तरह के इनपुअ मिलने के बाद राज्य में जेलों की सुरक्षा कड़ी करने के साथ ही विशेष कदम उठाए जा रहे हैं।
पंजाब व जम्मू-कश्मीर की जेलों में बंद घुसपैठियों को छुड़वाने के लिए पाक समर्थित आतंकी संगठनों की नजरें इन जेलों पर लगी रहती हैं। ऐसे में इन जेलों का आधुनिकीकरण बहुत जरूरी है।
खुद जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा का मानना है कि इन जेलों में बंद अपराधियों को पुलिस पेशी पर नहीं ले जा पा रही है, क्योंकि इनके लिए सुरक्षा मुहैया करवाना बहुत मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि जेलों को अलग विभाग मानकर केंद्र सरकार को इनकी ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
खतरनाक अपराधियों के लिए छह जेलों में ही लगेंगी अदालतें
रंधावा ने बताया कि पंजाब में हमने छह जेलों में कोर्ट रूम बना दिए हैं और नाभा की हाई सिक्योरिटी जेल में कोर्ट रूम बनाने के लिए अपने ऐच्छिक कोटे से पांच लाख रुपये दिए हैं, ताकि यहां बंद विचाराधीन कैदियों को पेशी पर न ले जाना पड़े, बल्कि उनके लिए यहीं पर अदालत लगाने की व्यवस्था की जा सके।
जेल मंत्री ने कहा कि वह जल्द ही इस मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से मिलेंगे और उनसे कहेंगे कि वह जजों को हफ्ते में एक एक दिन जेलों में बने कोर्ट रूम में ही हवालातियों की पेशी करवाकर केस को सुनने की व्यवस्था कर दें।
कई जेलों में तो छह-छह महीने से पेशी नहीं हो पा रही है, क्योंकि इन्हें ले जाने के लिए पर्याप्त सुरक्षाकर्मी नहीं हैं। खतरनाक आंतकियों व गैंगस्टरों को बिना सुरक्षा कर्मियों के ले जाना खतरे से खाली नहीं है। इन्हें छुड़वाने के लिए आतंकी गुटों की नजर रहती है। इसलिए लुधियाना, फरीदकोट, बठिंडा, कपूरथला , पटियाला समेत छह जेलों में कोर्ट रूम स्थापित किए जा रहे हैं, जबकि नाभा हाई सिक्योरिटी जेल में भी ऐसा ही कोर्ट रूम बनाया जाएगा।
अमित शाह से मांगा समय
रंधावा ने कहा कि जेलों में कैदियों को सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेवारी है, लेकिन वित्तीय संकट के कारण ज्यादातर जेलों पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इन सभी मुद्दों को लेकर उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से भी समय मांगा है। जेल मंत्री ने माना कि अमृतसर, रोपड़ और फिरोजपुर की जेलें आवासीय इलाकों से सटी होने के कारण यहां ड्रग्स की सप्लाई नहीं रुक रही है।
पिछली सरकार ने इन जेलों के साथ लगती जमीन को बेच दिया जिस कारण यह दिक्कत आ रही है। रंधावा ने बताया कि आवासीय इलाकों से ड्रग्स के पैकेट देर सवेर दीवारों से उछालकर जेल के अहाते में फेंके जा रहे हैं। इन जेलों में दीवारों के साथ साथ जाली लगाने की योजना बनाई जा रही है, ताकि कोई भी चीज बाहर से न फेंकी जा सके।