पंजाब में शहरों और कस्बों में शराब के ठेके शाम 6:30 बजे के बाद खुलने की शिकायतों पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सख्त रुख अख्तियार किया है। कैप्टन ने गुरुवार को डीजीपी को निर्देश दिए कि ठेके शाम 6.30 बजे तक बंद करवा दिए जाएं। वहीं पूर्व में जारी दिशा-निर्देश के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में 10 बजे तक खुली रहेंगे।
31 अगस्त के बाद समीक्षा कर नए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। सीएम ने यह आदेश उच्चाधिकारियों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कोरोना की स्थिति की समीक्षा बैठक में दिए। वहीं कैप्टन ने कहा कि कोरोना के संबंध में वह सरपंचों को पत्र लिखेंगे, ताकि सुरक्षा प्रोटोकाल और सावधानियों का पालन सुनिश्चित किया ज सके।
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि रेस्टोरेंटों को केवल होम डिलीवरी के लिए ही खुलने की इजाजत दी जाए और जिम को बंद रखा जाए। डिस्पोजेबल कपों और प्लेटों के इस्तेमाल को प्रोत्साहन दिया जाए और खुद ही दवा लेने के खिलाफ मुहिम शुरू की जाए। उन्होंने बताया कि पंजाब पुलिस के अब तक 11 अफसरों की कोविड के कारण मौत हो चुकी है। 1600 एक्टिव मामले हैं। आठ मामले गंभीर हैं और एक नाजुक हालत में है।
केंद्र से प्राप्त वेंटिलेटरों में खामियों का संज्ञान लेते हुए कैप्टन ने जांच के आदेश दिए। कैप्टन ने फरीदकोट के विधायक किक्की ढिल्लों द्वारा फरीदकोट मेडिकल कॉलेज में प्रबंधन के बुरे हाल संबंधी लगाए आरोपों की भी पूछताछ की और स्वास्थ्य विभाग से सवाल किया कि क्या कोविड संकट से निपटने के लिए कॉलेज के पास अपेक्षित मात्रा में उपकरण और कर्मचारी हैं? मुख्य सचिव विनी महाजन ने मुख्यमंत्री को बताया कि एक आईएएस अधिकारी जोकि खुद एक एमबीबीएस डॉक्टर भी है, की तैनाती फरीदकोट अस्पताल में कोविड के प्रबंधन संबंधी मामलों की देखरेख के लिए की गई है।
मुख्य सचिव ने आगे बताया कि सबसे अधिक मामलों वाले 10 राज्यों की सूची में पंजाब सबसे अंतिम स्थान पर है लेकिन मृत्यु की बढ़ती दर चिंता का विषय है। बताया कि केंद्र के कैबिनेट सचिव के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में यह फैसला किया गया कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन उन कोविड मरीजों और उनके संपर्क वालों को दी जाएगी, जो कि घरों में एकांतवास में हैं।
मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य सरकार को अभी तक केंद्र द्वारा कोविड के खर्चों के लिए 101 करोड़ ही प्राप्त हुए हैं, जिनका यूटीलाइजेशन प्रमाण पत्र भेज दिया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि 30 करोड़ रुपये की और रकम जल्द ही आने की उम्मीद है लेकिन राज्य सरकार ने वास्तव में इससे अधिक रकम चाही थी।