पंजाब: पंजाब में लगातार हो रही धान की खेती के कारण भूमि का जल नाजुक स्तर पर पहुंच गया है। पंजाब देश का ऐसा राज्य है जहां भूमि का दोहन सबसे ज्यादा होता है जिसकी वजह से 80 प्रतिशत इलाका रेड जोन के अंदर आता है। फिलहाल पंजाब में धान और गेहूं की खेती पर ही किसानों का ज्यादा फोकस है। सरकारी और गैर सरकारी रिपोर्टों के हिसाब से फसली विविधता को पंजाब में लाना बहुत जरुरी है ताकि गिरते भूजल स्तर में सुधार किया जा सके।। किसानों का कहना है कि सियासी दलों द्वारा इस मुद्दे का हल निकाला जाना चाहिए।
बता दें कि पंजाब में खेती करने के लिए बिजली मुफ्त है। सरकार द्वारा MSP पर धान की खरीद करने की वजह से किसानों की अच्छी कमाई हो जाती है,लेकिन गिरते भूजल से किसान भी परेशान है। पंजाब के फसली चक्र में फंसने की वजह से नई फसलों की बिजाई नहीं की जा रही। सरकार द्वारा भी खेती की विभन्नता पर ध्यान देने के बारे में कहा गया था। खेती विभाग के आंकड़ों के हिसाब से खेती के क्षेत्रफल पर 85 प्रतिशत धान की खेती होती है।