पंजाब सरकार ने विधेयक में बेअदबी के दोषी को आजीवन कारावास का प्रावधान किया है। दोषी को पैरोल भी नहीं मिलेगी। मंगलवार को इस विधेयक पर पंजाब विधानसभा में चर्चा होगी।
मान सरकार ने बेअदबी पर कानून बनाने को लेकर सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक में पंजाब में पवित्र ग्रंथों के खिलाफ अपराध रोकथाम विधेयक-2025 को मंजूरी दे दी। इसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने विधेयक को पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में भी पेश किया। मंगलवार को इस विधेयक पर चर्चा होगी।
सरकार ने विधेयक में बेअदबी के दोषी को आजीवन कारावास का प्रावधान किया है। दोषी को पैरोल भी नहीं मिलेगी। इस विधेयक के अनुसार श्री गुरु ग्रंथ साहिब, भगवद गीता, बाइबल, कुरान शरीफ समेत अन्य ग्रंथों की बेअदबी के आरोपियों पर केस का ट्रायल चलाने के लिए राज्य में विशेष अदालतें गठित की जाएंगी। इन विशेष अदालतों में केवल बेअदबी से जुड़े मामलों को फास्ट ट्रैक की तर्ज पर संचालित किया जाएगा।
इससे पहले सीएम मान के बेअदबी कानून पर विधेयक पेश करने के बाद स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने एक घंटे के लिए सदन की कार्रवाई स्थगित की। उन्होंने आप पंजाब प्रधान अमन अरोड़ा, नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, पंजाब भाजपा कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी कुमार शर्मा व अन्य राजनीतिक दलों के नुमाइंदों के साथ विधेयक पर अलग से चर्चा की। एक घंटे की बैठक के बाद जब सदन की कार्रवाई दोबारा शुरू हुई तो नेता प्रतिपक्ष बाजवा ने सदन में बेअदबी कानून विधेयक पर चर्चा के लिए समय दिए जाने की मांग की।
इस पर सीएम मान ने तंज कसते हुए कहा कि 2015 से वह सरकारों में रहे हैं। बेअदबी पर कानून पर चर्चा के लिए अब उन्हें होमवर्क करना पड़ेगा। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने भी सीएम मान को जवाब देते हुए कि ऐसे गंभीर मुद्दे पर चर्चा के लिए सरकार ने मात्र 15 मिनट पहले विधेयक का ड्राफ्ट उन्हें उपलब्ध कराया है। बाजवा ने कहा कि विधेयक पर चर्चा के लिए सभी कानूनी पहलुओं को देखना जरूरी है ताकि हर धर्म का विधेयक में पूर्ण रूप से ध्यान रखा जा सके।
बेअदबी की कोशिश पर तीन से पांच साल कैद
सीएम मान ने मीडिया से कहा कि प्रस्तावित कानून के तहत बेअदबी के दोषी को 10 साल से आजीवन कारावास तक की सजा का सामना करना पड़ सकता है। बेअदबी की कोशिश करने वालों को तीन से पांच साल तक की कैद का प्रावधान है। अपराध के लिए उकसाने वालों को अपराध के अनुसार सजा मिलेगी। मान ने कहा कि नए कानून से जघन्य अपराध के दोषियों के लिए कठोर सजा सुनिश्चित करके समाज विरोधी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को रोकने में और ताकत मिलेगी।
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