पंजाब में इस बार कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग (IMD) ने पंजाब सहित पूरे उत्तर भारत के लिए कड़ी ठंड और शीत लहर की भविष्यवाणी की है। इस साल ठंड बढ़ने का सबसे बड़ा कारण ‘ला-नीना’ बताया गया है, जो प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह के तापमान में गिरावट के कारण बनता है। ला-नीना के प्रभाव से ठंडी हवाएं अधिक सक्रिय हो जाती हैं।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, भले ही इस बार ला-नीना कमजोर रहेगा, लेकिन इसकी स्थिति नवंबर से जनवरी तक बनी रह सकती है। “ला-नीना” के दौरान उत्तर और मध्य भारत में पश्चिमी विक्षोभ अधिक सक्रिय रहते हैं, जिसके चलते बर्फबारी की घटनाएं बढ़ जाती हैं और इसका असर मैदानी इलाकों के मौसम पर भी पड़ता है। दिसंबर से जनवरी के बीच पंजाब सहित उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है।
विभाग का अनुमान है कि दिसंबर महीने में रात का तापमान सामान्य से लगभग दो डिग्री सेल्सियस तक नीचे जा सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगले तीन से चार दिनों में पंजाब समेत कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान 7 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। IMD ने चेतावनी दी है कि आने वाले दो महीनों में पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में घनी धुंध, शीत लहर और न्यूनतम तापमान में तेज गिरावट देखने को मिल सकती है।
पहाड़ी इलाकों में होने वाली बर्फबारी का असर
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में होने वाली बर्फबारी के कारण पंजाब जैसे मैदानी इलाकों में ठंडी हवाएं और धुंध बढ़ जाएगी। इससे सुबह के समय धुंध और नमी में भी इजाफा होगा। ला-नीना का असर सिर्फ तापमान तक सीमित नहीं है; यह बारिश और हवाओं के पैटर्न को भी प्रभावित करता है।
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