लोकसभा चुनाव में लुधियाना से पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के संसदीय चुनाव जीतने के बाद से ही पार्टी में नए प्रधान के लिए हाईकमान को दावे पेश किए जा रहे हैं। इस दौड़ में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, परगट सिंह, विजय इंद्र सिंगला के अलावा कई युवा नेता भी शामिल हैं।
पंजाब कांग्रेस में नए प्रभारी भूपेश बघेल के कदम रखते ही प्रधान पद के लिए गुटबाजी शुरू हो गई है। प्रदेश इकाई के दिग्गज नेता दिल्ली में पार्टी हाईकमान के सामने अपनी प्रबल दावेदारी पेश करने में जुट गए हैं।
कोई पार्टी के सीनियर लीडर राहुल गांधी के संपर्क में तो कोई मल्लिकार्जुन खरगे के जरिये अपने दांव लगाने में जुट गए हैं। यहां तक की प्रधान पद की दौड़ में शामिल प्रदेश इकाई के दिग्गज नेताओं ने नए प्रभारी भूपेश बघेल को प्रभावित करना शुरू कर दिया है, ताकि पार्टी को प्रदेश में प्रधान के रूप में नया चेहरा मिल सके।
बघेल ने पार्टी में अनुशासन बनाए रखने की नेताओं को सख्त हिदायत दी है। वह अनुशासन और पार्टी हाईकमान के निर्देशों पर संगठनात्मक शैली को आगे बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।
प्रदेश इकाई में पंजाब कांग्रेस के नए प्रधान के लिए सुर उठने लगे हैं। नए प्रभारी भूपेश बघेल के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती यह रहेगी कि प्रदेश इकाई के वरिष्ठ नेताओं के बीच समन्वय बनाकर नए प्रधान की घोषणा के साथ पार्टी को 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए तैयार करना है। प्रदेश इकाई की गुटबाजी हाईकमान से भी छिपी नहीं है। पार्टी के कई सीनियर लीडर एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं, ऐसे में पार्टी हाईकमान ने अपने दिग्गज नेता भूपेश बघेल को प्रदेश इकाई के नेताओं की नब्ज टटोलने के साथ सबको साथ लेकर आगे चलने के लिए भेजा है।
प्रधान पद की दौड़ में नेताओं की बघेल से मीटिंग
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में शामिल नेताओं ने नए प्रभारी भूपेश बघेल के साथ तालमेल बढ़ाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में 18 फरवरी को मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के साथ नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने नए प्रभारी से दिल्ली में मुलाकात की।
करीब ड़ेढ घंटे की इस मुलाकात में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों के अलावा प्रदेश इकाई को लेकर गहन चर्चा हुई। इस मुलाकात के अगले ही दिन प्रधान की दौड़ में शामिल रंधावा और परगट सिंह ने भी नए प्रभारी से दिल्ली में मुलाकात की। आने वाले दिनों में कई बड़े चेहरे नए प्रभारी से मेल मिलाप कर सकते हैं, बताया जा रहा है इस मुलाकात के जरिये नए प्रभारी को भी पंजाब कांग्रेस का नया प्रधान बनाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए मनाया जा रहा है।
कांग्रेस पंजाब में बेहतर विकल्प, सियासी समीकरण चुनौती
2024 के लोकसभा चुनाव में 13 में से 7 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद उप चुनाव से लेकर पंचायत और निकाय चुनावों में आप को कड़ी टक्कर देने वाली कांग्रेस अब भी प्रदेश की जनता के बीच एक बेहतर विकल्प के रूप में लगातार उभरकर सामने आ रही है।
सत्ताधारी आप ने पंजाब में अपनी पार्टी की कमान अब हिंदू चेहरे के हाथों दी हैं। इसके पीछे का मुख्य कारण जातीय समीकरण भी बताए जा रहे हैं, क्योंकि गठबंधन से अलग हुई भाजपा ने अपने वोट प्रतिशत में इजाफा किया है। ऐसे में अब पंजाब कांग्रेस के लिए यह बड़ी चुनौती होगी कि वह अपने प्रदेश इकाई के लिए नए चेहरे के रूप में क्या जातीय समीकरण बैठाती है। या फिर वह हिंदू चेहरे को छोड़ दलित नेता या जट सिख चेहरे को ही आगे रखेगी।
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