उत्तर प्रदेश के गांवों में प्रधानी का कार्यकाल पूरा हो गया है, लेकिन प्रदेश में अगले पंचायती चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है. ऐसे में समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि, “उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार ने बिना नए चुनाव कराए ‘ग्राम पंचायतें’ भंग कर दी हैं. बड़े-बड़े चुनाव तो हो रहे हैं, लेकिन लोकतंत्र में जन प्रतिनिधित्व की सबसे छोटी इकाई के चुनावों के लिए सरकार अपने को अक्षम बता रही है, ऐसी सरकार उत्तर प्रदेश क्या चलाएगी?”

सपा के मुखिया ने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र की बुनियाद पर चोट न करे. इससे पहले अखिलेश यादव ने कृषि कानूनों के खिलाफ बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि किसान-आंदोलन बीजेपी सरकार की विफलता का जीवंत स्मारक है. इस बीच सपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश भर में कृषि क़ानूनों के विरोध में ‘किसान-घेरा’ कार्यक्रम आयोजित किया.
बता दें कि प्रदेश में प्रधानी खत्म होने के बाद जब तक नए चुनाव नहीं होते तब तक सहायक विकास अधिकारी (ADO) ही पंचायत गांव के प्रशासक होंगे. हालांकि, बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग प्रदेश में पंचायत चुनाव को अगले साल मार्च में करवाने की तैयारी में जुटा है.
इसके लिए लगभग साढ़े पांच लाख मतपेटियों का इंतजाम किया जा रहा है और 90 हजार नए बैलेट बॉक्स भी तैयार करवाए जा रहे हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि पंचायत चुनाव का ऐलान फरवरी में किया जा सकता है. उधर, राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अगले साल 22 जनवरी तक मतदाताओं की सूची हर हाल में तैयार कर लेने का अल्टीमेटम दिया गया है.
गौरतलब है कि इस बार प्रदेश में पंचायत के चारों पदों के लिए एक साथ चुनाव कराए जाने की तैयारी की जा रही है, जिसमें क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य शामिल हैं.
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